सरकारी अस्पताल में स्वीपर और वार्डब्वॉय बने डॉक्टर

ख़बरें अभी तक। रोहतक: बीमार गरीबों के लिए एक ही सहारा होता है-सरकारी अस्पताल, लेकिन रोहतक जिला के सांपला के सरकारी अस्पताल अब बीमारों को जिन्दगी नहीं, मौत बांट रहे है और यहां के स्वीपर (सफाईकर्मी) और वार्डब्वॉय आजकल डॉक्टरों की भूमिका निभा रहे है. सांपला कस्बे अस्पताल के ये स्वीपर और वार्डब्वॉय वह सब करते है, जिसके लिए इन्हीं अस्पतालों में मोटी पगार पा रहे एमबीबीएस डॉक्टर रखे गए है. इस सच्चाई का सबसे ज्यादा खतरनाक पहलू यह है कि यह सब अस्पताल के एसएमओ, यानि मुख्य चिकित्साधिकारी के अस्पताल में मौजूदगी के दौरान हुआ है. अब जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी इस मामले में जांच कर कार्रवाई की बात कर रहे है. ऐसे में अब हरियाणा सरकार के गब्बर स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज कहां है, जो अस्पतालों में बेहतर व्यवस्थाओं का दम भरते है.

विज साहब देखिए आपके सरकारी अस्पतालों की बेहतर व्यवस्थाएं, काफी सुधार हुआ है स्वीपर और वार्ड बॉय डॉक्टर बन गए हैं, जो आपातकालीन विभाग में सर्जरी करते हैं। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों को भी यह फर्क नहीं पड़ता कि मरीज के साथ क्या होगा, उन्हें तो केवल अस्पताल में जाकर अपनी हाजरी लगा कर अपनी तनख्वाह लेने से मतलब है. कोई मरे या जिए इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.

दरअसल बुधवार सुबह नेशनल हाईवे 9 पर एक मोटरसाइकिल चालक ने एक प्रवासी मजदूर लक्ष्मण को मोटरसाइकिल की टक्कर मारकर बुरी तरह घायल कर दिया था. जिनको इलाज के लिए सांपला के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां पर इमरजेंसी वार्ड की जिम्मेदारी डॉक्टर संजय की थी, लेकिन डॉक्टर संजय मरीज के पास सिर्फ एक बार ही आए और वापिस अपने कमरे में चले गऐ. उसके बाद सरकारी अस्पताल में मौजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रवि ने न केवल अपनी जिम्मेदारी को निभाया, बल्कि खुद ही डॉक्टर बन कर घायल व्यक्ति के सिर में टांके भरने लगा, जबकि लक्ष्मण के सिर में खून का बहाव बहुत अधिक मात्रा में हो रहा था. लेकिन तब भी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रवि ने टांके भरकर प्रवासी मजदूरों को छुट्टी के लिए तक कह दिया. जिस समय यह घटनाक्रम हुआ उस समय अस्पताल की एसएमओ रेणु मालिक व डॉक्टर भी अस्पताल में मौजूद थे.