खबरें अभी तक। व्हाट्सएप को टक्कर देने के लिए पतंजलि आयुर्वेद अपना किम्भो चैट एप रिलॉन्च करने की घोषणा की थी और पर कंपनी ने इसका लॉन्च फिलहाल के लिए टाल दिया है। पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि एप लॉन्च के बारे में नई तारीख की घोषणा जल्द की जाएगी। इससे पहले किम्भो एप को 27 अगस्त को लॉन्च किया जाना था।
दरअसल पतंजलि ने हूबहू व्हाट्सएप की तरह दिखने वाले वाले इस एप को इस साल मई महीने में उतारा था। कई तरह के सिक्योरिटी बग के कारण 24 घंटे के भीतर इस एप को गूगल प्ले स्टोर से वापस लेना पड़ा। कंपनी की ओर से बयान जारी करके कहा गया कि कुछ तकनीकी खराबियों के कारण इसे दोबारा लॉन्च किया जाएगा। जिसके बाद 15 अगस्त से यह फिर से गूगल प्ले स्टोर पर नजर आने लगा। लेकिन एकबार फिर यूजर्स को एप में शिकायतें मिलने लगीं जिसके चलते पतंजलि को फिर एप वापस लेना पड़ा।
बालकृष्ण ने सोमवार को ट्वीट में कहा कि किम्भो एप का आधिकारिक जल्द ही लॉन्च किया जाएगा और इसकी सूचना दी जाएगी।
फ्रेंच सेक्योरिटी रिसर्चर एलिओट एल्डरसन ने रामदेव के इस एप में यूजर के डेटा सेक्योरिटी को लेकर बड़ी चिंता जताई थी। व्हाट्सएप को देश में टक्कर देने के दावे के साथ उतारे गए किम्भो एप को रिसर्चर ने ‘सेक्योरिटी डिजास्टर’ बताया।
एलिओट एल्डरसन ने ट्वीट किया, ‘ किम्भो एप एक मजाक है, अगली बाद किसी भी ऐलान से पहले कंपनी एक बेहतर डेवलपर नियुक्त करे। इस एप को इस्टॉल ना करें।’ उन्होंने अगले ट्वीट में दावा किया कि किम्भो एप बोलो एप जैसा हूबहू दिखता है. दोनों ही एप के प्ले स्टोर में स्क्रीनशॉट बिलकुल एक जैसे हैं।
किंभो एक संस्कृत का शब्द है जिसका मतलब है What’s New या How are you। इस मैसेजिंग एप का लोगो व्हाट्सएप को ही थोड़े हेर-फेर के साथ डिजाइन किया हुआ लगता है।