खाद्यान घोटाले का हुआ पर्दाफाश, लाभार्थी के आधार नंबर पर दूसरे के आधार को पोर्ट कर किया गया खाद्यान घोटाला

खबरें अभी तक। मिर्ज़ापुर में खाद्यान घोटाला प्रकाश में आने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। लाभार्थी के आधार नंबर पर दूसरे के आधार को पोर्ट कर खाद्यान घोटाला किया गया है। शहरी इलाकों में लगे ई पास(इलेक्ट्रानिक प्वाइंट ऑफ सेल) में सेंधमारी कर जोड़े गए आधार नंबर से किया गया घोटाला। लखनऊ से अधिकारियों को जांच के लिए भेजा गया है। आधार नंबरों में गड़बड़ी कर निकाले गए खाद्यान। मिर्ज़ापुर में कुल 1027 बार आधार में हेराफेरी कर खाद्यान निकाले गए हैं। 7 आधार नंबरों से हुआ घोटाला। जिले के 15 कोटे के  दुकानों में 1बार और 9 कोटे कि दुकानों में 1027 बार आधार में हेराफेरी कर खाद्यान निकाला गया है। जांच के लिए 9 टीम बनाई गई है। कोटेदार और आपरेटर में मिलीभगत से घोटाला किया गया है।

जिले में कुछ समय पहले कोटे के दुकानों में खाद्यान कि चोरी रोकने और पारदर्शिता बरतने के लिए फूल प्रूफ समझे जाने वाले डिजटल ई पास मशीन कोटे कि दुकानों पर लगाया गया था। जिसमें लाभार्थी के फीड आधार नंबर को जोड़ कर मशीन पर लाभार्थी के थम्भ लगाने के बाद उसे खाद्यान मिलता है। ट्रायल के तौर पर यह मशीन शहरी इलाकों में स्थित कोटे के दुकानों में लगाई गयी थी। मगर खाद्यान विभाग के अधिकारी उस समय हैरान रह गए। जब घोटालेबाजों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया। लखनऊ से जिले के अधिकारियों के पास भेजे आदेश में जिले के एक दर्जन से अधिक दुकान संदेह के घेरे में है।

जिनमें से नौ दुकानदारों ने सबसे अधिक बार आधार नंबर में हेराफेरी कर खाद्यान का घोटाला किया है। जिले में 15 दुकानों पर सिर्फ एक बार आधार पोर्ट हुआ है। मगर 9 दुकानों पर सबसे अधिक 1027 बार लाभार्थी के आधार नंबर पर दूसरे का आधार फीड कर खाद्यान निकाला गया है। लखनऊ से जांच के आदेश मिलने के बाद इन दुकानों कि जांच के लिए 9 टीमें गठित कर जांच कि जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार कोटेदार और ऑपरेटर कि मिली भगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।