कुल्लू में हो रही फोरलेन प्रभावितों की अनदेखी, 21 सितंबर को होगी बैठक

खबरें अभी तक। नागचला से मनाली तक बनने वाले फोरलेन प्रभावित अपनी अनदेखी से उग्र होने लगे है। प्रभावितों ने अब कुल्लू में एकत्र होकर अंतिम रणनीति बनाने का फैसला लिया है। 21 सितंबर को कुल्लू में बैठक करने का निर्णय लिया है। इसमें भविष्य के लिए अंतिम व कारगर नीति बनाकर अमलीजामा पहनाया जाएगा। इसके तहत फोरलेन संघर्ष समिति प्रदेशभर में उग्र आंदोलन भी शुरू कर सकती है। वहीं एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को फोरलेन संघर्ष समिति ने ज्ञापन भेजा।

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फोरलेन प्रभावित संघर्ष समिति के अध्यक्ष ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर का आरोप है कि प्रदेश में फोरलेन से प्रभावित लाखों लोग आज बेघर हो गए हैं। लेकिन प्रदेश सरकार गहरी नींद सोई हुई है। कुल्लू में ही करीब दस हजार के करीब लोग प्रभावित हुए हैं।

नागचला से मनाली तक बन रहे फोरलेन के प्रभावितों को फेक्टर एक के तहत मुआवजा दिया गया है। प्रदेश सरकार भू-अधिग्रहण कानून 2013 की अवहेलना कर रही है। इन्हीं सब मुद्दों पर फोरलेन संघर्ष समित की बैठक हुई। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 70 राष्ट्रीय राजमार्ग बनने हैं। इससे पूरे प्रदेश में लोग प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत के कई प्रदेशों में केंद्र सरकार चार गुणा मुआवजा दे रही है। 14 ऐसी प्रांतें हैं जहां तीन गुणा मुआवजा दिया जा रहा है। अकेले हिमाचल में ही एक गुणा मुआवजा दिया जा रहा है और फेक्टर एक लागू किया गया है। भू-अधिग्रहण कानून 2013 में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए फेक्टर एक नहीं बल्कि दो तय करने का प्रावधान है। मुंबई हाईकोर्ट के फैसले जिसमें फेक्टर एक नहीं बल्कि एक से दो तय करने के फैसले को मानने के निर्देश दिए गए हैं। लेकिन प्रदेश सरकार फिर भी इसकी अवहेलना कर रही है।