खबरें अभी तक। रोहतांग टनल पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी का सपना था और जनजातीय क्षेत्र के लोगों की समस्या को देखते हुए उन्होंने इसका निर्माण कार्य को मंजूरी दी थी। मनाली पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि आज रोहतांग टनल के दोनों छोर आपस मे जुड़ चुके है और उन्हें इस बात का दुख है कि अटल जी बिना टनल को देखे ही स्वर्ग सिधार गए।
उन्होंने कहा कि अटल जी का सपना था कि वो रोहतांग टनल होते हुए लाहौल स्पीति में प्रवेश करें लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया। ऐसे में सरकार ने भी प्रस्ताव रखा है कि रोहतांग टनल का नाम अटल के नाम से रखा जाए।
वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ने कहा कि मनाली के लिए उनके प्रेम को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि उनकी याद में यहां कोई ऐसा स्थान या प्रोजेक्ट बनाया जाए ताकि यहां आने वाला व्यक्ति उसे देख कर उनका हिमाचल प्रेम को याद रख सके। वही, कुछ दिनों बाद स्व अटल के अस्थि कलश को भी लाहौल स्पीति के तांदी संगम पर ले जाया जाएगा और वहां चन्द्रभागा नदी में कलश का विसर्जन किया जाएगा।