ब्यास नदी में प्रवाहित हुआ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश

खबरें अभी तक। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश मनाली के समीप ब्यास नदी में विसर्जित किया गया। इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, वन मंत्री गोविंद ठाकुर सहित अन्य भाजपा नेता व आम जनता भी उपस्थित रही। इससे पहले अलेऊ से अटल बिहारी पर्वतारोहण संस्थान में उनकी याद में शोक सभा का आयोजन भी किया गया। उसके बाद उनकी अस्थि कलश की यात्रा को ब्यास नदी के किनारे पर शोभायात्रा के रूप में लाया गया और विधि विधान के साथ उनकी अस्थियों को ब्यास नदी में विसर्जित किया गया।

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अटल की स्मृतियों को याद करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की याद में ही पर्वतारोहण संस्थान का नाम रखा गया और इसी हॉल में ही अटल जी अपनी कविताओं को सुनाया करते थे।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के विधायकों को भी वो इसी हॉल में लोकतंत्र की जानकारी देते थे और उनसे वर्तमान व उससे पहले के लोकतंत्र व्यवस्था की जानकारी देते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके अंतिम मनाली दौरे के दौरान वो अपने परिवार के साथ मनाली आये थे। लेकिन उन्हें भी उसी दिन वापिस दिल्ली जाना था। लेकिन जब उन्हें पता चला कि में उनसे मिलने आया हूं तो वो रुके और बड़े प्यार से उन्होंने मेरे परिवार के साथ फोटो भी खींचे। जो मेरे परिवार के पास उनकी अंतिम फोटो है। स्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी अपनी कविता के माध्यम से अपने जीवन की बातों को कहते थे और हमेशा लोगो को जीवन मे आने वाले उतार चढ़ाव से संघर्ष करने की प्रेरणा देते थे।