गुरुग्राम में बीते 8 महीनों में 102 से ज्यादा पॉक्सो एक्ट के मामले दर्ज़

ख़बरें अभी तक। मिलेनियम सिटी में छोटे बच्चों व बच्चियों की सुरक्षा सवालों के घेरे में  है, जी हां हम बात कर रहे है गुरुग्राम की जहां बीते आठ महीनों के दौरान 102 से ज्यादा यौन शोषण व उत्पीड़न के मामले दर्ज किए गए है. यानी साइबर सिटी में हर 3 दिन में एक बच्चे या बच्ची के साथ यौन शोषण या उत्पीड़न की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है. पुलिस की माने तो 2017 में यह आंकड़ा 142 तक सिमटा था लेकिन 2018 में सिर्फ 8 महीनों के दौरान 102 मामले अभी तक दर्ज किए जा चुके है जो अपने आप मे बेहद चौकाने वाले व भयावह स्तिथि को जरूर बयान कर रहे है.

वहीं इस अति संवेदनशील मामले में मशहूर मनोवैज्ञानिक डॉक्टर ब्रह्मदीप संन्धु की माने तो बच्चे ऐसे शातिरों का बेहद आसान शिकार होते है जो किसी को जल्दी से अपने साथ हुई हैवानियत बयां तक नहीं कर पाते है डर के मारे. लगातार बढ़ते एकल परिवारों के चलन के कारण समस्या और ज्यादा बढ़ती जा रही है हम लोग जल्द ही किसी पर भी विश्वास कर लेते है और अंजाम बहुत भयावह होता है. वहीं इस मामले में एसीपी क्राइम की माने तो मासूमों के साथ हुई ज्यादातर वारदातों में कोई सगा, परिचित,किरायेदार ही शामिल पाए गए, लेकिन बच्चे और बच्चियों के साथ हुई बर्बरता मामलों को गुरुग्राम पुलिस बेहद संजीदगी से लेती है और इसी के चलते ज्यादातर मामलों में चार्जशीट पेश की जा चुकी है और ऐसी घिनौनी वारदात में शामिल लोगों को सख्त से सख्त सजा दिलवाने की पुरजोर कोशिशें भी करती है.

यानी इन भयावह आकड़ों के बाद कही न कही बड़ी जिम्मेदारी हमारी भी बनती है कि अपने बच्चों व बच्चियों को गुड टच ओर बेड टच के अलावा किसी भी अजनबी या किरायेदार पर एकदम से विश्वास न करे के बारे में विस्तार से न केवल बताये अपितु बच्चों को बिना देखरेख के कही खेलने या फिर किसी भी वजह से छोड़े. ऐसी ही नादानियों का खामियाजा हमारे नौनिहालों को साइबर सिटी में भुगतना पड़ रहा है.