18वीं ऐशियन गेम्स में शिलाई गांव की दो बेटियों ने भारत को दिलाया सिल्वर, ग्रांमवासियों में खुशी का माहौल

खबरें अभी तक। इंडोनेशिया में चल रही 18वीं ऐशियन गेम्स में देश की महिला कब्बडी टीम ऐशियाई कब्बडी प्रतियोगिता के फाईनल में रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा। फाइनल में भारतीय टीम की हार की खबर से सिरमौर जिले के दूरदराज शिलाई गांव में थोड़ी मायूसी के साथ खुशी का माहौल रहा। दरअसल देश की इस सिल्वर जीत में शिलाई की दो बेटियां प्रियंका नेगी और रितु नेगी का विशेष योगदान रहा। शिलाई में कब्बडी टीम में शिलाई की बेटियों के प्रदेर्शन पर परिवार और क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर है। शिलाई में सिल्वर जीत की खुशी लोगों और परिजनों के साथ पल सांजा किये।

आज महिला कब्बडी का इंडोनेशिया के जकार्ता में भारत और इरान के बीच फाईनल खेला गया। इस मैच में सिरमौर के दूरदराज शिलाई गांव की दो बेटियां दमखम दिख रही थी। रितु नेगी टीम के राइट कॉर्नर पर मेन डिफेंडर थी और प्रियंका नेगी टीम की रेडर थी। हालांकि शुक्रवार को जब जकार्ता में कब्बडी का फाइनल मैच चल रहा था तो उस समय शिलाई में लाइट भी नहीँ थी। लेकिन गांव के लोग अपनी बेटियों का हुनर देखने के लिए मोबाइल पर मैच देख रहे थे। हालांकि सब को उम्मीद थी कि भारतीय टीम सोना जीतेगी मगर कुछ गलत निर्णय के कारण भारतीय टीम 3 पॉइंट हर गई। बावजूद हर के शिलाई में लोगों और परिजनों को अपनी बेटियों के प्रदेर्शन पर नाज है और लोग सिल्वर मेडल में भी जीत की खुशी देख रहे हैं।

शिलाई की बेटियों वाली भारतीय टीम की सिल्वर जीत ने शिलाई के युवा खिलाड़ियों के भी जोश भर दिया है। युवा खिलाडी हर से थोड़े मायूस जरूर है लेकिन इन्हें आशा है कि उनकी आइकॉन कब्बडी खिलाड़ी भविष्य में इसकी भरपाई जरूर करेगी। बच्चों का कहना है कि वो भी प्रियंका ओर रितु दीदी की तरह बनना चाहती है।

देश के लिए 4 अंतर्राष्ट्रीय मेडल जीतने वाली खिलाड़ी रितु नेगी के परिजन हालांकि सिल्वर जीत से खुश हैं। साथ ही इन्हें इस बात का दुख है कि इतनी होनहार खिलाड़ी होने के बावजूद भी रितु को हिमाचल प्रदेश सरकार ने एक अदद नौकरी तक नहीं दी है। ऋतु नेगी के पिता भगवान सिंह नेगी को इस बात का मलाल है कि प्रदेश सरकार ने अभी तक इस होनहार खिलाड़ी की शुद्ध तक नहीं ली है रितु नेगी का परिवार चाहता है कि रितु को उसकी योग्यता के हिसाब से हिमाचल में ही नौकरी मिले और वह हिमाचल की टीम से खेल कर प्रदेश का नाम रोशन करें।