रेवाड़ी: जनता रोए, नगर परिषद अधिकारी सोए

ख़बरें अभी तक। रेवाड़ी: जनता रोए, साहब सोए, यह कहावत इन दिनों नगर परिषद के अधिकारियों पर चरिरतार्थ होती दिखाई पड़ रही है और हो भी क्यों नहीं, सडक़ों पर बेलगाम घूमते आवारा पशु दुर्घटनाओं का सबब जो बन चुके है, जी हां, दरअसल हम बात कर रहे हैं रेवाड़ी नगर परिषद की, जिसे इन दिनों शायद लोगों की इस बड़ी समस्या से कोई सरोकार नहीं रह गया है. गौ-संरक्षण को लेकर भले ही देश व प्रदेश की सरकारें बेहद गंभीर दिखाई पड़ रही है, लेकिन अधिकारी हैं कि सरकार की नीतियों को पलीता लगाने में पीछे नहीं हैं और रेवाड़ी में आकर सरकार के तमाम दावे हवा-हवाई हो रहे है.

तस्वीरों में सड़कों के बीचों-बीच बैठे दिखाई दे रहे यही वे आवारा पशु हैं, जिनके कारण न केवल दिनभर सडक़ों पर जाम की स्थिति बनी रहती है, बल्कि इनके कारण हादसे होना भी आम बात हो चली है. वहीं ट्रैफिक पुलिस के लिए भी ये आवारा पशु बड़ा सिरदर्द बनते जा रहे है. बाजारों में सब्जी व अन्य घरेलू सामान खरीदने के लिए आने वाले कई बुजुर्ग, महिला व बच्चे तो इन पशुओं की चपेट में आकर चोटिल भी हो चुके है. बात चाहे रेवाड़ी के मुख्य सरकुलर रोड की हो, मेन बाजारों की हो या फिर अनाज मंडी की, हर ओर दिनभर आवारा पशुओं का भारी बोलबाला है. अनाज मंडी में जहां आढ़ती और किसान परेशान हैं तो वहीं शहरवासियों को भी इस समस्या दो-चार होना पड़ रहा है. हालांकि नगर परिषद अधिकारी भी मान रहे हैं यह बड़ी समस्या है. उनका कहना है कि पिछले दिनों परिषद ने शहर में घूम रहे आवारा पशुओं को पकडऩे के लिए टैंडर कॉल किया था, लेकिन कोई नहीं आया. अब ये मामला उपायुक्त के संज्ञान में भी है. जल्द ही पुन: टैंडर किया जाएगा और अगर फिर भी कोई टैंडर नहीं करता है तो परिषद अपने स्तर पर इन्हें पकडऩे की व्यवस्था करेगी. अब देखना होगा कि परिषद कब तक लोगों को इन आवारा पशुओं से निजात दिला पाती है.