शिक्षा विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने बच्चों के अधिकार पर डाला डाका

ख़बरें अभी तक। सरकार की महत्वपूर्ण बाल शिक्षा अधिकार योजना किस कदर भ्रष्टाचार में गोते लगा रही है इसकी बानगी ललितपुर में खूब देखने को मिलती है. सरकार द्वारा बाल शिक्षा का अधिकार योजना चलाने का उद्देश्य था कि प्राइमरी विद्यालयों में पड़ने वाले गरीब बच्चों को गुणवत्तायुक्त दो जोड़ी ड्रेस मिल सके, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों ने बच्चों के अधिकार पर डाका डालते हुए उन्हें एक जोड़ी घटिया ड्रेस बांट दी जो कुछ दिनों में ही फटकर सरकार की योजना को मुह चिढ़ा रही है.

बुन्देलखण्ड के ललितपुर जिले में शिक्षा माफियाओं द्वारा सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को बांटी जाने वाली ड्रेसों पर ही डाका डालने का काम किया जा रहा है. जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी छात्र छात्राओं को सरकार द्वारा मुफ्त में 2- 2 जोड़ी स्कूल ड्रेस वितरित किए जाने के लिये रुपया आवंटित किया गया है. जिससे सरकार की मंशा के अनुरूप जहां छात्रों को स्कूल ड्रेस में पेंट और शर्ट और छात्राओं को सलवार सूट दुपट्टे के साथ व् ट्वीनिक गुणवत्ता युक्त विद्यालय प्रबंधन द्वारा सिलवाकर वितरित किये जाने के निर्देश दिये गए थे, लेकिन जिले के स्कूलों में शिक्षा माफियाओं ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बेहद घटिया किस्म की रेडीमेड ड्रेसों को बाजार से कम दामों में खरीद कर स्कूलों में वितरित कर दी. आलम ये रहा कि गरीब छात्र-छात्राओं की ड्रेसे मात्र कुछ ही दिनों जगह जगह से फट गयी तो बहुत सी ड्रेसों की सिलाई तक उधड़ गयी.

जब हमने जिले के बिरधा ब्लॉक स्थित तमाम स्कूलों में जाकर रियल्टी चेक किया, तो देखा की बच्चों को बिना ही दर्जी से नाप लेकर बाजार से खरीदी गयी काफी घटिया ड्रेसें बांट दी गयी हैं.  जो न तो बच्चों के नाप की है और न ही गुणवत्ता युक्त, जिसकी वजह से ज्यादातर बच्चों को बांटी गयी ड्रेसे कुछ ही दिनों में जगह जगह से फट गयी है साथ ही बिना नाप के होने की वजह से बच्चों को पहनने में भी समस्या हो रही है. जिले के पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाली छात्राओं को जो सलवार शूट वितरित किये गये वो घटिया क्वालिटी के साथ साथ बिना ही दुपट्टे के बाट दिये गये, जबकि क्लास 6 से 8 तक में पढ़ने वाली सभी छात्राओं को सलवार शूट के साथ दुपट्टा भी देना अनिवार्य था जो नहीं बांटे गये. ग्राम प्रधानों का भी आरोप है की स्कूलों में जबरन घटिया रेडीमेड ड्रेसें वितरित की जा रही हैं जो बच्चों को वितरित किए जाने के मात्र कुछ ही दिनों में जगह जगह से फट गयी. आरोप है की शिक्षा  विभाग के ही कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के चलते बच्चों के हक पर डांका डालने का कार्य किया जा रहा है.

वहीं जब हमने विद्यालय के शिक्षकों और प्रधानाचार्यों से घटिया ड्रेसों के वितरण को लेकर सवाल किया तो सभी अपनी अपनी लापरवाही और भूमिका को छुपाने की कोशिश करते नजर आये और ग्रामीणों व् गरीब छात्र छात्राओं को ही इसके लिये दोषी बताते नजर आये. घटिया ड्रेस वितरण को लेकर हमने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी मायाराम से वार्ता की तो उन्होंने कहा की उन्हें भी इस तरह की शिकायते मिल रही हैं जिस पर वो समय समय पर जांच कर कार्रवाई कर रहे हैं और आपके द्वारा जो जानकारी दी गयी है. उसको भी गंभीरता के साथ लेते हुये जांच कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का काम किया जायेगा.