भादस गांव दूसरों को पिलाता पानी, लेकिन खुद की नहीं बुझती प्यास

खबरें अभी तक। नगीना खंड का बड़ा गांव भादस भले ही दूसरे आसपास के गांवों को पानी आपूर्ति कर रहा हो, लेकिन गांव का एक मोहल्ला प्यासा है। इसी दर्द को लेकर भादस गांव के युवा समाजसेवी सलमान अख्तर के नेतृत्व में ग्रामीणों ने सीटीएम गजेंद्र सिंह से मुलाकात कर ज्ञापन डीसी के नाम ज्ञापन सौंपा और पानी आपूर्ति की मांग की। कई दिन बीत जाने के बाद भी समाधान होना तो दूर पानी की एक बूंद भी नसीब नहीं हुई। भादस गांव के लोग इसी पीड़ा के चलते जुलाई माह में गुरुग्राम -अलवर मार्ग को जाम भी कर चुके हैं। लेकिन जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हकीकत में पानी आपूर्ति करने के बजाय कागजों में खूब करोड़ों रुपये का पानी बहा रहे हैं। जब राष्ट्रीय राजमार्ग पर बसे बड़े गांव में पानी की किल्लत इस कदर है, तो दूरदराज के गांवों की स्थिति का अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है।

भादस गांव में बने बूस्टिंग स्टेशन से करीब 16 गांवों की 50 हजार से ज्यादा आबादी को पेयजल सप्लाई किया जाता है। चेम्बर में पर्याप्त मात्रा में पानी ही नही आता। हद तो तब हो गई जब भादस गांव में तो इस चेम्बर से एक भी कनेक्शन नहीं दिया गया। दरअसल इस गांव में पाइप लाइन बिछाना ही जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग भूल गया। महिलाएं ऊंचे नीचे खराब रास्तों से गिर पड़ कर दिन भर पानी की पूर्ति में लगी रहती हैं। चेंबर से सिर पर मटका रख कर महिलाएं प्यास बुझाने को मजबूर हैं। अधिकारी से लेकर मंत्री तक कोई नही सुनता। जवान महिलाएं ही नही बूढ़ी महिलाएं भी इस कठिनाई का सामना कई सालों से करती आ रही हैं। चुनाव के समय तो सफेदपोश खूब पानी बहाते हैं, लेकिन बाद में कोई एक बूंद पानी तक का इंतजाम नहीं करता। वैसे तो नगीना खण्ड के दर्जनों गांवों में पानी की किल्लत है, लेकिन भादस बड़ा दिल करके पड़ोसी गांवों को इसी चेम्बर से कई सालों से पानी पिला रहा है।

भादस गांव के सलमान अख्तर , कमरुद्दीन , इक़बाल , असरु , शाहरुख़ खान इत्यादि ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में राजीव गांधी पेयजल योजना ( रैनीवेल ) का चेंबर बना हुआ है। जिसमें रोजाना हजारों लीटर पानी आकर जमा होता है। यह पानी आसपास के गांवों के अलावा भादस गांव के निचले हिस्सों में पानी आपूर्ति करता है ,लेकिन गांव में ही खेड़ा यानि ऊंचे हिस्से पर बसे लोगों के लिए आज तक पाइप लाइन ही नहीं बिछाई गई।

पाइप लाइन नहीं होने से घरों में पानी नहीं आता , जिससे सैकड़ों महिलाओं को दूरदराज से सिर पर मटका या अन्य बर्तन रखकर पानी लाने को मजबूर होना पड़ रहा है। महिलाओं का काफी समय पानी की पूर्ति करने में लग जाता है। ग्रामीणों ने उपायुक्त पंकज यादव से मांग की है , जनस्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को पाइप लाइन बिछाने के आदेश देकर ग्रामीणों को समस्या से जल्द राहत दिलाई जाये।

नेताओं का पैतृक गांव, फिर प्यासा;- फिरोजपुर झिरका सीट से चुनाव लड़कर मामूली अंतर् से हारने वाले मामन खान इंजीनियर का भादस पैतृक गांव है। फिरोजपुर झिरका विधानसभा के अंतर्गत ही यह गांव आता है। दूसरा पंचायत समिति नगीना की चैयरपर्सन एवं भाजपा नेत्री ताहिरा बेगम भी भादस गांव से संबंध रखती हैं। ताज्जुब इस बात का है कि विधायक बनने की हसरत लिए इलाके का विकास कराने वाले सफेदपोश जब अपने पैदाइशी गांव में बुनियादी सुविधाओं तक को दूर नहीं करा सकते तो उनकी नियत और नीति पर सवालिया निशान लगना लाजमी है। भादस गांव की आबादी पंद्रह हजार से अधिक है। मतदाताओं की संख्या 4 हजार से अधिक बताई जा रही है।