पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की उड़ी धज्जियां, रिहायशी बस्ती में लगे गंदगी के ढेर

खबरें अभी तक। देशभर में फैली गंदगी को साफ करने के लिए भले ही पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया हुआ है, लेकिन धरातल पर आकर सरकार का यह मिशन दम तोड़ता नजर आ रहा है। कोई और नहीं, बल्कि नगर परिषद के अधिकारी ही सरकार के इन दावों की हवा निकाल रहे हैं।

जी हां, दरअसल हम बात कर रहे हैं अहीरवाल का लंदन कहलाने वाले रेवाड़ी शहर की, जहां चारों ओर गंदगी के अंबार लगे हैं और लोग सरकार को बुरी तरह कोस रहे हैं। हालात इस कदर बदतर हो चले हैं कि अब तो सफाई कर्मचारियों के दर्शन भी कई कई दिनों में होते हैं। अब स्वच्छ भारत मिशन का इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है कि रिहायशी बस्ती के बीचों बीच कूड़े के ढेर लगे हैं।

तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि हजारों की आबादी वाले इस वार्ड में बीचों-बीच नगर परिषद ने डंपिंग यार्ड बनाया हुआ है, जहां लगे कूड़े के ढेरों के कारण उठती दुर्गंध से लोगों का जीना ही दुश्वार हो गया है। आर्य नगर, गोल चक्कर, बंजारवाडा के इन रास्तों से प्रतिदिन हजारों लोगों का आवागमन होता है। वहीं स्कूल जाने वाले बच्चे भी इन्हीं रास्तों से होकर गुजरते हैं।

लोगों की माने तो कूड़े के इन ढेरों के कारण अब यहां मक्खी मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण तरह तरह की संक्रामक बीमारियां फैलने लगी है और अब तो उनके बच्चे भी बीमार हो रहे हैं। इतना ही नहीं, घरों के बाहर लगे कूड़े के ढेरों के कारण अब तो उनके बच्चों के रिश्ते भी होने बंद हो गए हैं।

कुल मिलाकर यहां यह कहने से गुरेज नहीं किया जा सकता कि नगर परिषद द्वारा यहां सरेआम सरकार की नीतियों का मजाक उड़ाया जा रहा है। लोगों की मांग है कि उन्हें तुरंत इस गंदगी से निजात दिलाई जाए और वार्ड में समय समय पर सफाई की व्यवस्था दुरुस्त की जाए।

वही जब से लेकर जनप्रतिनिधियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व इस वार्ड की जनता ने 80 प्रतिशत से अधिक बीजेपी को वोट दिए थे, लेकिन चुनाव के बाद से वार्ड को संभालने आज तक यहां कोई नहीं आया। हालांकि समय समय पर इसे लेकर शिकायत भी की गई और अधिकारियों के संज्ञान में भी यह मामला लाया गया। मगर आज 8 माह बीतने के बावजूद गली में सफाई करने कोई नहीं आया।

उन्होंने रोष जाहिर करते हुए कहा कि नगर परिषद अधिकारी शहर में 400 सफाई कर्मचारियों के दावे करते नहीं थकते, लेकिन सफाई कर्मचारी कहीं नज़र ही नहीं आते। सफाई व्यवस्था को लेकर उन्होंने नगर परिषद प्रशासन को पूरी तरह से नाकाम बताया।

मगर कुछ भी हो, शहर की इतनी बड़ी समस्या से शायद अधिकारियों को कोई सरोकार नहीं रह गया है और अधिकारी है कि कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। अब देखना होगा कि इस बिगड़ी व्यवस्था को नगर परिषद प्रशासन कब तक दुरुस्त करा पाता है या फिर लोगों को इसी तरह गंदगी से दो चार होना पड़ेगा।