हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बस स्टैंड पर प्रदेश सरकार के खिलाफ की नारेबाजी

खबरें अभी तक। हरियाणा रोड़वेज में 700 प्राईवेट बसों को परमिट देने के विरोध में उतरे रोड़वेज कर्मचारी अब हड़ताल करने को लेकर उच्च अधिकारियों से प्रताड़ित होते नजर आ रहे हैं। इसी के विरोध में आज हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने भिवानी बस स्टैंड पर प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दो घंटे का अनशन किया। इस मामले में कर्मचारियों का कहना था कि बीते 7 अगस्त को ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट फेडरेशन के आह्वान पर की गई हड़ताल में हिस्सा लेने वाले कर्मचारियों को सरकार प्रताड़ित करने का काम कर रही है। जिसके विरोध में आज उन्हे प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर दो घंटे का क्रमिक अनशन करना पड़ रहा है। क्योंकि हड़ताल में भाग लेने वाले रोड़वेज के कुछ नवनियुक्त व पार्ट टाईम कर्मचारियों को 7 अगस्त की हड़ताल में हिस्सा लेने की ऐवज में नोटिस जारी किए हैं।

हड़ताल को लेकर सरकार द्वारा अपनाए गए तानाशाही रवैये पर एक बार फिर से दो घंटे का अनशन कर्मचारियों को करना पड़ रहा है। इस बारे में भिवानी डिपो के प्रधान राजकुमार दलाल व कर्मचारी नेता हरज्ञान घणघस ने बताया कि प्रदेश में हो रहे रोड़वेज के निजीकरण को रोकने के लिए उन्होंने 7 अगस्त को हड़ताल की थी। जिसमें भाग लेने वाले उनके साथियों पर सरकार दबाव बनाकर उनके खिलाफ विभागीय फरमान जारी किए जा रहे हैं। जिसके विरोध में उन्हे आज प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर दो घंटे का अनशन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनके कुछ साथियों को नौकरी से निकाले जाने तक के फरमान जारी किए जा रहे हैं। जिसका उनकी यूनियन कड़ा विरोध करती है।

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि उन्होंने 7 अगस्त की हड़ताल 700 प्राईवेट बसों को परमिट देने के विरोध तथा पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर की थी। सरकार उनकी हड़ताल पर टेबल पर बातचीत के दौरान उनकी बातें मान लेती है। परन्तु अगले ही दिन आनाकानी करने लगती है। साथ ही उनके हड़ताल करने वाली साथियों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। उन्होंने साफ किया कि लोकतंत्र में कर्मचारियों को अपनी आवाज उठाने का संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने 7 अगस्त की हड़ताल में हिस्सा लेकर कोई गैर कानूनी काम नहीं किया। फिर भी नवनियुक्त व कच्चे कर्मचारियों के खिलाफ कागजी कार्रावाई के आदेश जारी किए गए हैं। जिसका उनकी यूनियन कड़ा विरोध जताती है।