सब-इंस्पेक्टर की हत्या के बाद एक और पुलिसकर्मी को बदमाशों ने बनाया निशाना

खबरें अभी तक। हरियाणा की खट्टर सरकार में जब पुलिस वाले भी सुरक्षित नहीं रहें तो आम इंसान की क्या गारन्टी ली जा सकती हैं।  बदमाशों के हौंसले इस कदर बुलंद हो चुके हैं कि किसी पर भी गोलियां बरसाना उनके लिए बच्चों का खेल बन चुका हैं। बुधवार रोहतक में एक सब-इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या की बात अभी सुर्खियों से उतरी भी नहीं थी, कि देर रात नारायणगढ़ सीआईए स्टाफ में तैनात एक और पुलिस कर्मचारी को गोलियों से भून दिया गया। पुलिस कर्मचारी विशाल शर्मा जैसे ही यमुनानगर स्थित अपने घर पहुंचा। बदमाशों ने उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। बुरी तरह से घायल पुलिस कर्मचारी अस्पताल के आइसीयू में जिंदगी औऱ मौत के साथ संघर्ष कर रहा हैं, और हमलावर बड़ी आसानी से पुलिस की आंखों में धूल झौंक कर फरार हो गए।

हरियाणा में कानून-व्यवस्था आईसीयू में सिसकियां भर रही हैं। बदमाशों के आगे कानून के रखवाले खुदकी रक्षा करने में भी असमर्थ नज़र आ रहें हैं। आखिर कारण क्या हैं कि प्रदेश में बदमाशो के हौंसले दिन-प्रतिदिन इस कदर बुंलद होते जा रहें हैं कि उन्हें ना तो खाकी का खौफ रहा हैं और ना ही कानून का डर। जी हां.. निजी अस्पताल के आईसीयू में जिंदगी और मौत के साथ संघर्ष कर रहा विशाल शर्मा नामक यह नौजवान हरियाणा पुलिस की नरायणगढ़ सीआईए में तैनात हैं। अज्ञात बदमाशों ने इस पर उस समय गोलियां बरसा दी। जब यह डियूटी के बाद अपने घर यमुनानगर लौट रहा था। विशाल शर्मा को अस्पताल लाने वाले उसके दोस्त अदित्य की माने तो विशाल ने उसकी डोर-बेल बजाकर उसे बोला की उसे गोलियां लगी हैं। जिसके बाद वह उसे अस्पताल ले आया और पुलिस को इस बारे सूचना दी।

अदित्य की माने तो विशाल ने अस्पताल आते समय उसे बताया कि दो नकाबपोश बदमाश बाईक पर सवार होकर आ रहें थे, जैसे ही वह उनके करीब पहुंचा उन्होंने इसपर फॉयरिंग करना शुरू कर दिया।

बहराल अदित्य के ब्यानों पर पुलिस ने बदमाशों की तलाश में पूरे जिले की नाकाबंदी कर दी हैं। लेकिन ऐसे में सवाल खड़े हो रहें हैं कि कॉवड़ यात्रा के दौरान पहले से ही जिले के चप्पे-चप्पे पर पुलिस का कड़ा पहरा हैं और अगर इतने पहरे में बदमाश पुलिस कर्मचारी को गोली मारकर साफ निकल जाते हैं तो नाकाबंदी के क्या नतीजें निकलेंगे इसका अंदाजा भी लगाया जा सकता हैं।

गौरतलब हैं कि बुधवार को रोहतक में भी बदमाशों द्वारा एक सब-इंस्पेक्टर को गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया हैं, और 24 घंटों के भीतर बदमाशों का पुलिस पर यह दूसरा गोलीकांड हैं। इस मामले को लेकर सभी अधिकारी मीडिया को फेस करने से कतरा रहें हैं, जिसके साफ सकेंत हैं कि जिस प्रदेश में खुद पुलिस सुरक्षित नहीं रही वहां आम आदमी की जान-माल की हिफाज़त राम भरोसे ही चल रही हैं।