करुणानिधि को था क्रिकेट से लगाव, मैच देखने के लिए कई अहम बैठकें की कैंसल

खबरें अभी तक। द्रमुक कार्यक्रताओं के साथ ही आम लोगों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या पार्टी में उत्तराधिकार की लड़ाई फिर शुरू होगी या एम.के. स्टालिन पार्टी में अपना प्रभुत्व बनाए रखेंगे। एम. करुणानिधि ने अपने जीवनकाल में ही स्टालिन को अपना उत्तराधिकारी बना दिया था। करुणानिधि करीब पांच दशक तक द्रमुक प्रमुख रहे और उनके देहांत के बाद पार्टी कार्यकत्र्ताओं के मन में यह सवाल उठ रहा है। करुणानिधि के दो पुत्रों एम.के. अलागिरी और एम.के. स्टालिन के बीच कई वर्षों से संघर्ष चल रहा है।

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उत्तराधिकार संघर्ष के चरम पर रहने के दौरान अलागिरी ने एक बार सवाल किया था कि क्या द्रमुक एक मठ है जहां महंत अपना उत्तराधिकारी चुन सकते हैं। उनका इशारा अपने पिता की ओर था। अलागिरी पार्टी से निष्कासन के बाद राजनीतिक निर्वासन में मदुरै में रह रहे थे। लेकिन करुणानिधि जब चेन्नई के एक अस्पताल में भर्ती थे तो अलागिरी पूरे परिवार के साथ थे। द्रमुक के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी में फिर से उत्तराधिकार संघर्ष होने की कोई आशंका नहीं है।

करुणानिधि का क्रिकेट से भी गहरा नाता रहा। उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स की टीम से खासा लगाव था और चेपक में वह कई बार मैच देखने के लिए भी गए थे। करुणानिधि टीम इंडिया के दोनों विश्व विजेता कप्तान कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी के बहुत बड़े फैन थे। करुणानिधि के देहांत के बाद अपनी संवेदना जाहिर करते हुए बी.सी.सी.आई. के पूर्व अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन ने बताया कि बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि करुणानिधि का क्रिकेट से भी काफी लगाव था। वह चेन्नई सुपर किंग्स के फैन थे।

श्रीनिवासन ने बताया कि जब भी भारतीय टीम जीत हासिल करती तो वह उन्हें फोन कर बधाई देते थे और जब भी टीम इंडिया हार का सामना करती तो श्रीनिवासन को उनकी तरफ  से कोई भी फोन नहीं आता था। करुणानिधि की बेटी कनिमोझी ने भी एक बार एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें क्रिकेट से काफी लगाव है। उनके फेवरेट क्रिकेटर्स कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी हैं। कनिमोझी ने बताया था कि कई बार तो वह क्रिकेट मैच देखने के लिए अपनी कई अहम बैठकें तक कैंसिल कर देते थे।