भूमि घोटाले की जांच न होने पर छह बुजुर्ग भूख हड़ताल पर बैठे

ख़बरें अभी तक। बंदोबस्त में हुए भूमि घोटाले की जांच न होने पर छह बुजुर्ग 75 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठ गए है. हमीरपुर गांधी चैक पर भूख हडताल पर बैठे हमीरपुर के विकासनगर के वाशिदें फिल्लू राम, कमलेश, कर्म चंद, शक्ति चंद, काली दास और राम पाल बंदोबस्त को निरस्त करने की मांग कर रहे है. ग्रामीणों का आरोप है कि बंदोबस्त के समय सौ कनाल सरकारी भूमि जिसकी कीमत करीब पन्द्रह करोड बनती है, भूमि को मलकीयत में तबदील किया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि भूख हडताल के बाद भी प्रशासन नही जागता है तो उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे.

फिलू राम का कहना है कि बार बार प्रशासन से जांच की मांग की गई है लेकिन कोई कार्रवाईनहीं हुई है. उन्होंने आरोप लगाया कि टीका दडूही की जमीन का रिकार्ड सुरक्षित नहीं है और इस्तेमाल साल 1965-66 की अक्स नशा मोमी को नष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि 2006-07 में हुए बंदोबस्त का अक्ष व खसरा नंबर साल 1965-66 से नहीं मिल रहे है और विभाग भी इसकी दुरूस्ती नहीं कर रहा है.

गौरतलब है कि करीब एक माह पहले से ग्रामीण विकास नगर में करोड़ों रूपये की भूमि घोटाले को लेकर जांच की मांग कर रहे है. लेकिन प्रशासन ने भी इस मामले में लीतापोती करते हुए गांव में जाकर रिकार्ड की पड़ताल की थी. जिस पर ग्रामीणों के सब्र का अब बांध टूट चुका है और ग्रामीणों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है.