एक शख्स ने मंदिर के अंदर मौनव्रत धारण कर खुद को किया कैद, वजह जानकर आप भी रह जाएंगे दंग

खबरें अभी तक। कानपुर देहात से एक ऐसा सनसनीखेज़ मामला सामने आया है जिसे देख आप भी दंग रह जाएंगे दरअसल एक शख्स ने मंदिर के अंदर खुद को कैद कर रखा है। लगभग 8 दिन से वो शख्स मन्दिर में कैद है। उसने मौन व्रत ओर अनशन धारण कर लिया है उसे जो भी बात कहनी होती है वो कागज़ पर लिख कर कहता है। अब जरा इस कारगुज़ारी की वजह भी सुन लीजिये। दरअसल उस शख्स का गांव विकास को तरस रहा था। गांव के हालात बद से बदतर थे ना प्रधान ओर ना अधिकारी कोई नहीं सुन रहा था। लिहाज़ा उसने खुद को मंदिर में कैद कर लिया ओर अब वो मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़ा है। बरहाल इस सख्श ने सरकार की योजनाओं और अधिकारियों के भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी। जब जिले के प्रसासनिक अधिकारियों को इस सख्श के अनशन का पता चला तो आनन फानन मे अनशन तुड़वाने की कवायद मे लग गए लेकिन सखश है की अपनी जिद के आगे झुकने को तैयार ही नहीं है।

कानपुर देहात की अकबरपुर तहसील के ज्योतिष गांव के शिव मंदिर में अंदर से ताला लगा कर खुद को कैद किये ये शख्स घन श्याम तिवारी है। घन श्याम ने खुद को लगभग 8 दिन से मंदिर में कैद करके रखा है ओर उसमें मौन व्रत धारण करअनशन शुरू कर दिया है। वो किसी से कुछ बोलता नही है अब जरा ये सब करने की वजह भी सुन लीजिए दरअसल ज्योतिष गांव विकास को तरस रहे था। गांव के हालात बद से बदतर है पक्की सड़कों का नामो निशान तक नहीं है। गांव में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है नालियां नही है।

लिहाज़ा सड़के गंदगी से बजबजा रही है ग्राम प्रधान ने पिछले 3 सालों में गांव में कोई काम नही कराया। जिसको लेकर घनश्याम तिवारी ने गाव के लोगों के समर्थन मे मौन ब्रत के साथ आमरण अनशन का रास्ता चुना।

8 दिन से मन्दिर में खुद को कैद कर मौन व्रत और अनशन पर बैठे घन श्याम तिवारी हर बात का जवाब कागज़ पर लिख कर देते है। उनके घरवाले बताते है कि घन श्याम की पुश्तैनी ज़मीन लगभग 4 बीघा ज्योतिष गांव में है जो चक रोड में ओर लोगो द्वारा कब्ज़ा कर ली गयी है। क्योंकि घनश्याम 20 साल पहले गांव छोड़ कर चले गए थे और कानपुर रहने लगे थे ओर जब वो लोग गाव वापस आए तो गाव मे उनकी कोई जमीन नहीं बची, जिसको लेकर जिले से लेकर प्रदेश के आलाधिकारियों तक दर्जनो प्रथना पत्र दिये। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई ,थकहार कर घनश्याम ने ये रास्ता चुना जब हमने घनश्याम तिवारी से बात की तो उसने अपना जबाब कागज पर लिख कर दिया जिसमे घनश्याम ने जिले के अधिकारियों पर लापरवाही ओर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। घनश्याम की पत्नी का रोरोकर बुरा हाल है। घनश्याम मन्दिर के अंदर है और उनका पूरा परिवार मन्दिर के बाहर बैठा है साथ ही गांव के अधिकांश लोग घनश्याम का फेवर कर रहे हैं।

हमने गांव का जायज़ा लिया तो यकीनन जो तस्वीर सामने आई उसे देख ऐसा लगा कि विकास ने इस गांव की दहलीज पर कदम रखते ही दम तोड़ दिया सड़के खुदी पड़ी है। नाली खड़ंजा गायब है गांव में एक हैण्डपम्प नज़र नही आया आने जाने के लिए रास्ते नही है। जगह जगह गड्ढे ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है एक छात्र के बताया कि इस बारिश के बाद ओर जीना मोहाल हो गया है कोचिंग आने जाने में रात में गड्ढो ओर खस्ताहाल सड़क की वजह से गिर जाते है चोट लग जाती है इस दरमियान गांव की एक महिला ने बताया कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री भले ही गांवो के विकास के लिए कितनी योजनाए चलाए लेकिन उन योजनाए ने कभी गांव में दस्तक नहीं दी। प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना में गांव के किसी भी घर को गैस चूल्हा नही मिला।

मंदिर में लोगो का हुजूम लगा है सावन का माह है और लोग शिव मंदिर में प्रवेश नही कर पा रहे है। लिहाज़ा मौके पर तहसीलदार साहब समझाने पहुंचे लेकिन घनश्याम कुछ सुनने को तैयार नही है। उसकी मांग है कि मुख्यमंत्री आये और उसकी व्यथा सुने तमाम मशक्कते की गई लेकिन किसी की घनश्याम तिवारी के आगे एक ना चली देखिए किस तरह तहसीलदार ओर उनके सहयोगी घनश्याम को समझाने बुझाने में लगे है। लेकिन नतीजा सिफर है।

इस संदर्भ में हमने जब गांव के प्रधान से बात की तो उनका कहना था कि साहब प्रशासन गांव को ओडीएफ कराने में लगी है सारा काम छोड़ सिर्फ शौचालय बनवाने में जुटे है और जो पैसा गांव के विकास के लिए आया उसे ईमानदारी से गांव के विकास के लिए लगाया गया इसबात की जांच करा ली जाए।

बहरहाल इस मामले ने प्रशासन के हाथ पैर फुला दिए है। अधिकारी परेशान है कि कैसे घनश्याम को मन्दिर से निकाला जाए क्योंकि 8 दिन गुज़र चुके है और प्रशासनिक अदिकारियो ने उसका मेडिकल चेकअप तक नहीं कराया बड़ा सवाल की अगर घनश्याम को कुछ हो जाता तो उसका ज़िम्मेदार कौन होगा।