हिमाचल का भाग्य विधाता, पहले मुख्यमंत्री यशवंत परमार

खबरें अभी तक। आज हिमाचल के भाग्य विधाता और पहले मुख्यमंत्री यशवंत सिह परमार की 112 जयंती है। इस मौके पर पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर कार्यक्रम  अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। राजधानी शिमला में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर शिरकत करेंगे। 1906  में जन्मे स्वतंत्रता सेनानी डा. यशवंत सिंह परमार ने सिरमौर के एक छोटे से गांव चनालग में जन्म लिया।

उन्होंने लखनऊ से एलएलबी और समाज शास्त्र में पीएचडी की थी। परमार सिरमौर की रियासत में 11  साल तक सब जज और मजिस्ट्रेट रहे, उसके बाद न्यायधीश के रूप में 1937 से 1941 तक सेवाएं दी।  नौकरी की परवाह ना  करते हुए वे सुकेत सत्याग्रह प्रजामंडल से जुड़े। उनके ही प्रयासों से यह सत्याग्रह सफल हुआ। परमार के प्रयासों से ही 15 अप्रैल, 1948 को 30 रियासतों का विलय हो सका, फिर जाकर हिमाचल प्रदेश अस्तित्व में आया।

उसके बाद 25 जनवरी, 1971 को इस प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला। 1963 से 24 जनवरी, 1977 तक वह हिमाचल के मुख्यमंत्री बनकर प्रदेश को संवारने का काम करते रहे। मुख्यमंत्री बनने से पहले उन्हें 1957 को सांसद बनने का भी मौका मिला था। 2 मई, 1981 को डा.परमार का निधन हो गया।

डा. परमार पहली बार वर्ष 1952 से 56 तक हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे, 1957 में सांसद तथा जुलाई, 1963 से 24 जनवरी, 1977 तक हिमाचल के मुख्यमंत्री के पद पर रहे।