पहाडों में हो रही भारी बरसात के चलते यमुना का जल स्तर बढ़ा

खबरें अभी तक। ताजेवाले हैड से छोडे गए सात लाख क्यूसिक पानी को देखते हुए प्रशासन हुआ अलर्ट। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी बरसात के चलते हथिनी कुंड बैराज से पानी यमुना में लगातार छोड़ा जा रहा है। लगातार छोड़े जा रहे पानी की वजह से यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। छोड़े जा रहे पानी बेगा घाट पर पहुंच जाने के कारण किसानों को चिंता सताने लगी है। वहीं उपमंडल प्रशासन ने किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। उपमंडल अधिकारी नागरिक सुरेन्द्रपाल ने नायब तहसीलदार देशराज कंबोज के नेतृत्व में पटवारी, गिरदावर, ग्राम सचिव, पुलिस, बाढ़ राहत कार्यो की टीम, बिजली विभाग के अलावा कई कर्मचारियों की ड्यूटी लागई है।

सरकारी कर्मचारियों के अलावा उक्त सभी गांव के सरपंचों, पंचों, नंबरादार व चौकिदारों की भी ड्यूटी लगाई गई है। प्रशासन को पल-पल की खबर देने के लिए पंचायत भवन में वायरलेस सेट लगावाया गया है। शनिवार को नायब तहसीलदार देशराज कंबोज भी बेगा घाट पहुंचे और यमुना के साथ लगते गन्नौर क्षेत्र के गांव का भी दौरा कर ग्रामीणों से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि आपात स्थिती में सभी लोग सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। उन्होंने बताया कि यमुना  बांध के अंदर जितने भी लोग रह रहे थे उन सबको बाहर निकाल दिया गया है और बांध के अंदर जितने बिजली के कनेक्षन थे उनको भी काटवा दिया गया है।

नायब तहसीलदार देशराज कंबोज ने बताया कि साथ लगते गांवों में लगातार मुनादि करवाई जा रही ताकि ग्रामीण सतर्क रहें। वहीं किसानों का कहना है कि यदि इसी प्रकार से जल स्तर बढ़ता रहा तो उनके खेतों में यमुना का पानी घुस जाएगा। किसानों का कहना है कि प्रशासन द्वारा बाढ़ से बचाव के कार्य इस बार उचित रूप से नहीं किए गए हैं जिस कारण यमुना का जल खेतों में घुस सकता है।

बेगा घाट में कई जगह ठोकरें क्षतिग्रस्त हैं तो कई जगह ठोकरों का निर्माण ही नहीं किया गया है।  जब यमुना में पानी आने के बाद कटाव का खतरा बनता है तो कट्टे डलवाकर काम चलाना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन अगर ऐसे ही लापरवाही बरती गई तो भविष्य में यमुना का पानी क्षेत्र के लिए भारी तबाही खड़ी कर सकता है। किसानों ने प्रशासन से यमुना में ठोकरों को मजबूत बनाने तथा अन्य राहत कार्य कराने की मांग की है।

नायब तहसीलदार ने बताया कि बेगा, ग्यासपुर, रसूलपुर, पबनेरा, चंदौली के रिवेन्यू रिकार्ड के अनुसार ज्यादा पानी आया तो उक्त गांवों की करीब 1200 एकड़ फसल प्रभावित हो सकती है। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा फसल मिर्च, तोरी, घीया, टमाटर, भिंडी की है। इसके अलावा काफी क्षेत्र में ईंख की फसल भी है लेकिन उस पर पानी का प्रभाव कम होगा।