खबरें अभी तक। आगजनी और तोड़फोड़ का आरोप में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को 2015 के मेहसाणा दंगा मामले में दोषी करार दिया गया है। साथ ही विसनगर कोर्ट ने उन्हें 2 साल कि सजा भी सुनायी है। हार्दिक पटेल समेत दोनों पर आगजनी और तोड़फोड़ का आरोप था। हालांकि, हार्दिक पटेल और अन्य 2 अभियुक्तों को 15,000 रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत मिल गई है।
विसनगर कोर्ट के मुताबिक हार्दिक पटेल और 2 अन्य अभियुक्त 27 अगस्त तक हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दे सकते हैं। ऐसा करने में अगर वो फेल हो जाते हैं तो उन्हें अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।
इस मामले में विसनगर कोर्ट ने 17 आरोपियों में से 3 लोगों को दोषी ठहराया है, वहीं 14 लोगों को बरी कर दिया है। आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की पहली घटना 23 जुलाई 2015 को बीजेपी के विधायक ऋषिकेश पटेल के दफ्तर में हुई थी। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी।
बता दें हार्दिक पटेल ने हाल ही में फिर से आरक्षण की मांग के साथ आंदोलन करने का ऐलान किया है। सिर्फ आंदोलन ही नहीं, हार्दिक ने इस बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की भी घोषणा की है। उन्होंने दावा किया है कि वह पाटीदारों को आरक्षण के लिए भूख हड़ताल करेंगे और यह आरक्षण मिल जाने के बाद ही खत्म होगी। उनका यह अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल 25 अगस्त से शुरू होगा।