रकबर की मौत के बाद कोलगांव में लगा रहा नेताओं का जमावड़ा, बीजेपी को जमकर कोसा

खबरें अभी तक। नूंह जिले के कोलगांव के रकबर उर्फ़ अकबर की मौत के बाद कई राजनैतिक दलों के नेताओं का मंगलवार को दिनभर जमावड़ा लगा रहा। सुबह मुस्लिम संगठन के लोग दिल्ली से कोलगांव पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए न केवल इस कांड की निंदा की बल्कि हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। मुस्लिम संगठन के पदाधिकारियों ने भाजपा की केंद्र व राज्य सरकारों को जमकर खरी खोटी सुनाई।

अलवर जिला की पूर्व जिला प्रमुख सफिया बेगम भी कोलगांव पहुंची। इसके बाद मंगलवार की शाम कांग्रेस के सांसद दीपेंद्र हुड्डा गोतस्करी के शक में भीडतंत्र द्वारा मारे गए रकबर के घर पहुंचे। यहां उन्होंने पीडि़त परिवार के प्रति शोक संतप्त जताते हुए कहा कि इस प्रकार की घटनाओं ने देश को दुनिया में बदनाम कर दिया है। बडे़ शर्म की बात है कि केंद्र सरकार के मंत्री मॉब लिंचिंग के अपराधियों को धुतकारने की बजाए उन्हें फूलों का हार पहना रहे हैं। उन्होंने सीधे तौर पर केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकारों पर आरोप लगाया कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों को सरकार का पूरा सरंक्षण प्राप्त है।

ये भाईचारा बिगाड़ने की बहुत बड़ी साजिश ही नहीं बलि्क देश के बुनियादी ढांचे को कमजोर करने की गहरी चाल है। उन्होंने कहा इस प्रकार के हैट क्राइम से देश के मजबूत भाईचारे की नींव को हिलाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने भाजपा सरकार को सभी मामलों में विफल सरकार बताते हुए कहा कि भाजपा शासन में हो रही इस प्रकार की घटनाएं असहनीय हैं। उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह के मॉब लिंचिंग की रोकथाम वाले बयान पर असंतुषि्ट जाहिर करते हुए कहा कि गृहमंत्री के जवाब से न देश खुश है और न ही पीडि़त लोग। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जिन मेवातियों की जान मॉब लिंचिंग के नाम पर ली जा रही है , जरा सरकार उनकी देशहित में दी हुई कुर्बानियों  को भी याद कर ले। उन्होंने कहा कि देश को आजाद कराने में मेवातियों का बहुत बड़ा योगदान रहा है। अंत में उन्होंने रकबर हत्याकांड की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की।

सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकार में सब ठीक ठाक था ,लेकिन अब अपराध में प्रदेश नंबर वन बन गया है। संसद में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर बहस के बाद गृह विभाग भारत सरकार के सचिव की निगरानी में कमेटी का गठन किया है , जो महज 15 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी। सांसद के साथ कई कांग्रेस नेता , पूर्व मंत्री इत्यादि मौजूद रहे। शाम ढलते -ढलते इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला कोलगांव अपने नेताओं के साथ पहुंचे। पत्रकारों से बातचीत के दौरान इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिगि्वजय सिंह चौटाला ने कहा कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं ने साबित कर दिया है कि देश में भाजपा और उसकी सरकार का स्तर कितना नीचे गिरा है। उन्होंने भीडतंत्र द्वारा की जा रही निदरेश लोगों की हत्या पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन घटनाओं से देश में असि्थरता का माहौल बना हुआ है। ये सब जानबूझकर और एक विशेष दल की सरकार की आड़ में किया जा रहा है। यहां कोलगांव में रकबर के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करने पहुंचे इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार देश प्रदेश में कानून व्यवस्था संभालने में पूरी तरह विफल हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि कभी बच्चा चोरी तो कभी गाय के नाम पर की जा रही मजलूम लोगों की हत्याएं देश के लिए चिंता का सबब हैं। इस प्रकार की घटनाओं पर विराम लगाने के लिए कडे़ कानून की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर हरियाणा प्रदेश में इनेलो की सरकार बनती है तो इनेलो सबसे पहले इस बाबत एक कड़ा कानून बनाएगी। उन्होंने गोतस्करी के शक में हुई रकबर उर्फ अकबर की हत्या पर राजस्थान सरकार और पुलिस की थ्यौरी पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपरोक्त मामले को इनेलो के सांसद भाई दुष्यंत चौटाला जी द्वारा संसद में उठाया जाएगा। उन्होंने केंद्र और प्रदेश की सरकारों से पीडि़त परिवार को आरि्थक मदद देने की मांग करते हुए कहा कि रकबर की नाजायज मौत ने पूरे परिवार को संकट में डाल दिया है। परिवार के पास जीवन बसर करने के लिए साधन नहीं हैं।

ऐसे में सरकार को पीडि़त परिवार की मदद करनी चाहिए। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि रामगढ़ के भाजपा विधायक ज्ञान देव आहूजा के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। आहूजा के इशारे पर ही कुछ हिंदू संगठन के नेताओं ने रकबर की जान पीट -पीटकर ली। कुल मिलाकर अभी कई बड़े नेताओं के कोलगांव पहुंचने से इंकार नहीं किया जा सकता। दूसरी तरफ राजस्थान पुलिस ने कुछ कर्मचारियों पर कार्रवाई की है , तो पांच में से तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।

विश्व हिन्दू परिषद नेता नवल किशोर अभी भी खुली हवा में सांस ले रहा है। देश – विदेश की मीडिया भी रकबर के गांव कोलगांव पहुंच रहा है। संसद से लेकर सुप्रीमकोर्ट तक में मॉब लिंचिंग की यह घटना सुर्ख़ियों में है। खास बात तो यह है कि इतनी बड़ी और घिनौनी घटना के बाद भी हरियाणा से लेकर राजस्थान तक का कोई भाजपा नेता अफ़सोस तक जताने नहीं पहुंचा है। घटना का असर लोकसभा – विधानसभा के चुनाव पर भी दोनों राज्यों में असर डाल सकती है।