गोहाना चीनी मिल टॉ़प पर, किसानों का गन्ना भुगतान में मिला पहला नंबर

खबरें अभी तक। जींद की सरकारी चीनी मिल आज कल चर्चा  का विषय बनी हुई है। यह मिल किसानों को उनके गन्ने के भुगतान के मामले में टॉप-6 में शामिल हो गई है। जबकि टॉप पर गोहाना की चीनी मिल है। वहीं पानीपत की चीनी मिल भुगतान ना करने में सबसे पिछे है।बता दें कि हर साल किसान अपन गन्ना सरकारी चीनी मिलों में डालते है। इस साल भी किसानों ने 10 सरकारी चीनी मिलों में अपना गन्ना डाला था।

जिसमें तकरीबन 455.25 लाख किंवटल गन्ने की  पिराई हुई जिसकी कीमत 149768.19 लाख रुपए बनती है। इसी पैसे से सरकारी चीनी मिलों ने किसानों का सारा पैसा लौटा दिया है।साथ ही बता दें कि फिलहाल प्रदेश की चीनी मिलों पर गन्ना उत्पादकों का 39542.89 लाख रूपए बकाया पड़ा हुआ है। इसी भुगतान को लेकर 23 जुलाई को हरियाणा शूगर फैड की बैठक होगी जो चंडीगढ़ में की जाएगी।

अब प्रदेश की तमाम सहकारी चीनी मिलों की तरफ गन्ना उत्पादक किसानों का 39542.89 लाख रुपए बकाया है। इस बकाया के भुगतान को लेकर 23 जुलाई को चंडीगढ़ में हरियाणा शूगर फैड की अहम बैठक बुलाई गई है।