वाटर कंज़र्वेशन और स्वच्छता जैसे कार्यो में सिंगापुर हमसे काफी आगे: राजयमंत्री डॉ बनवारी लाल

खबरें अभी तक। हरियाणा के जनस्वास्थ्य एवं अक्षय ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ बनवारी लाल ने सिंगापुर से लौटने के बाद आज रेस्ट हाउस में प्रैस वार्ता को सम्बोधित किया। राजयमंत्री डॉ बनवारी लाल 8 से 12 जुलाई तक चलने वाले इंटरनेशनल वाटर वीक्स में हिस्सा लेने सिंगापूर गए थे। आज मीडिया को सम्बोधित करते हुए डॉ बनवारी लाल ने कहा कि सिंगापुर देश कई अच्छी तकनीक लिए हुए है। जैसे वाटर कंज़र्वेशन और स्वच्छता जैसे कार्यो में सिंगापुर हमसे काफी आगे है। डॉ बनवारी लाल ने कहा की सिंगापुर यात्रा का उनका उदेश्य पानी और सीवरेज वाटर ड्रेनेज सिस्टम की नयी तकनीक को अडॉप्ट करना है। उन्होंने कहा हालांकि यह उनका स्टडी टूर था इसमें किसी तरह का कोई एमओयू साइन नहीं हुआ है। हम अपने पानी की बर्बादी को कैसे रोक सके कैसे लोगो को जागरूक किया जा सके सिंगापुर से इसकी प्रेरणा लेनी चाहिए साथ ही उन्होंने कहा की स्वच्छता में भी सिंगापुर काफी आगे है। हमे वहां के लोगो से सीख लेनी चाहिए।

डॉ बनवारी ने कहा कि पानी जीवन के लिए सबसे आवश्यक है और सिंगापुर में बारिस अच्छी होती है सिंगापुर के पास पानी का अपना कोई सोर्स नहीं है पानी के लिए वह मलेशिया पर निर्भर है। लेकिन वहां बारिस के पानी को रीसाइक्लिंग करने का सिस्टम काफी अच्छा है उसी तकनीक को अपनाने के लिए, साथ ही पानी के दुरूपयोग को रोकने के लिए लोगो को जागरूक किया जायेगा इसके लिए एक योजना शुरू की जाएगी जिसमे पानी के दुरूपयोग को रोकने के लिए सभी नलों पर टोंटिया लगाने के निर्देश जारी की जाएगी इसके लिए 31 दिसंबर डेडलाइन दी गयी है। पानी के सभी कनेक्शन रेगुलर करने और सभी नलों मीटर लगाने के निर्देश दिए जायेंगे।

प्रैस वार्ता के दौरान मीडिया द्वारा रविवार को राव इंदजीत की झज्जर मुंडाहेड़ा रैली पर पूछे गए सवाल पर राज्यमंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ईमानदारी और मेहनत से काम कर रहे है लेकिन राव इंदरजीत का राजनीति में अपना कद काफी बड़ा और अनुभव काफी अधिक है। सीएम और सरकार के प्रति राव इंदरजीत की कोई नाराजगी नहीं है। राव द्वारा नयी पार्टी बनाने अथवा दूसरे दल में जाने की बात से उन्होंने इंकार किया। कहा यह सब बनावटी बाते है राव इंदरजीत अभी भाजपा में ही है और भाजपा में ही रहेंगे। इस मौके पर उन्होंने अपने विभाग के सीवेरज और पेयजल सम्बन्धी योजनाओ और उपलब्धिया भी गिनाई।