धर्मशाला में गद्दी समुदाय के पास है 300 साल पुराना हस्त लिखित गुरु ग्रंथ साहिब

ख़बरें अभी तक। 300 साल पुराना हस्त लिखित गुरुग्रंथ साहिब जिसे अभी तक नहीं मिला. गुरुग्रंथ साहिब जिसे 300 साल पुराने गुरूद्वारे से निकाल कर एक कमरे में रखा गया है. हिमाचाल प्रदेश के धर्मशाला में दाडनु में 300 साल पुराना गुरुद्वारा है जहां 300 साल पुराना गुरु ग्रंथ साहिब रखा गया है यह गुरुग्रंथ साहिब पाकिस्तान के लाहौर से पैदल सिर पर रख कर गद्दी समुदाय के लोगों द्वारा यहां लाया गया था आपको बता दें कि गद्दी समुदाय के लोगों में गुरुग्रंथ साहिब को ज्यादा मान्यता नहीं दी जाती.

उसके बाद भी यहां मौजूदा परिवार गुरुग्रंथ साहिब को संजोए हुए है कई लोगों द्वारा इस ग्रंथ साहिब को खरीदने के लिए भी परिवार से बात की लेकिन गुरु ग्रंथ साहिब को गद्दी समुदाय के यह लोग आज भी संजोए हुए है और रोजाना गुरुग्रंथ साहिब की पूजा गुरूद्वारे में होने वाली पूजा की तर्ज पर की जाती है आपको बता दें कि गुरुद्वारे में जो ग्रन्थ साहिब है वो 1430 पृष्ठ का है और इसे प्राचीनकाल में हाथों से लिखा गया था.

बता दें कि गुरु ग्रंथ साहिब को कुछ समय पहले चोरी भी कर लिया गया था जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लुधियाना से गुरुग्रंथ साहिब को वापिस धर्मशाला लाया था उसके बाद से ही इस पुरातन गुरु ग्रंथ साहिब को 300 साल पुराने गुरूद्वारे से निजी घर में रखा गया था ताकि दोबारा इसकी चोरी न हो सके.

गद्दी समुदाय के युवक अविनाश का कहना है की गुरुग्रंथ साहिब उनके पुर्वज लाए थे और ये उनके परिवार का हिस्सा है इसे खरीदने के लिए कई लोग आते है करोड़ों देने की बात कहते है लेकिन अपने परिवार की कभी कोई कीमत लगा सकता है हम गुरुग्रंथ साहिब को हमेशा संजो कर रखेंगे. यहां इसे खरीदने आए लोगों का कहना है कि गोल्डन टेम्पल की में जिस तरह हस्त लिखित गुरुग्रंथ साहिब है उसी तरह यह गुरु ग्रंथ साहिब है जो आज के समय में बहुत कम है.