जिला शिक्षा अधिकारी को स्वास्थ्य मंत्री ने किया सस्पेंड

खबरें अभी तक। हरियाणा के स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री श्री अनिल विज ने आज जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिला शिक्षा अधिकारी श्री रामकुमार को बैठक से अनुपस्थित रहने के कारण निलंबित करने के आदेश दिए तथा जन स्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता तरसेम को कलायत में गली की पाईप लाईन बिछाने में की गई अनियमितता के कारण सैक्शन 7 में चार्ज सीट करने के आदेश दिए गए।

अनिल विज आज लघु सचिवालय के सभाकक्ष में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में गांव कलायत निवासी श्री सुरेश कुमार पुत्र श्री जिले सिंह की शिकायत सुन रहे थे, जिसमें शिकायतकर्ता ने उनकी पुत्री लवली जो राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कलायत की छात्रा है। उसे मिलने वाली प्रोत्साहन राशि 2 साल से नही मिल रही थी, जबकि स्कूल प्रबंधन ने कहा कि यह राशि बैंक खाते में डाल दी गई है, परंतु बैंक अधिकारियों ने बताया कि उक्त राशि बैंक खाते में नही आई है। इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जब स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारी को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया तो वे बैठक में उपस्थित नही थे, उन्होंने तुरंत बैठक से अनुपस्थित रहने के कारण निलंबित करने के आदेश पारित किए।

इसी तरह दूसरे मामले में जन स्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता तरसेम को इसलिए चार्ज सीट करने के आदेश दिए कि कलायत में मोहल्ला वासियों ने पाईप लाईन गली में गहराई में लगवाने की दर्खास्त की थी, परंतु इस कर्मचारी ने ठेकेदार से कार्य को ठीक ढंग से नही करवाया गया। इस मामले की जांच के आदेश पिछली बैठक में दिए गए थे। इस जांच के लिए पंचायती राज के कार्यकारी अभियंता श्री आरके गोयल तथा कष्ट निवारण समिति के मनोनित सदस्य जसवंत सिंह पठानिया तथा अजीत चहल को नियुक्त किया गया था। इस कमेटी ने जांच में पाया कि जन स्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता ने काम को ठीक ढंग से पूरा नही करवाया।

स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री श्री अनिल विज ने एक अन्य मामले में नागल निवासी केवल सिंह पुत्र श्री प्रीतम सिंह ने शिकायत की थी कि सेल व माल विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने सेल फाईल नंबर 1160 का कब्जा नही दिलवाया तथा सेल फाईल नंबर 1157 का जमीन का कब्जा मौके पर स्टे के बावजूद दिलवा दिया गया। इस मामले में जांच अतिरिक्त उपायुक्त पार्थ गुप्ता को पिछली बैठक में सौंपी गई थी। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि यह मामला बहुत पुराना है। इस मामले से संबंधित फाईल 1984 में चंडीगढ़ भेजी गई थी, जहां से यह फाईल गुम होने का पता चला है। स्वास्थ्य एवं खेल मंत्री ने कहा कि फाईल गुम होने तथा आयुक्त कोर्ट में स्टे आर्डर के समय किन-किन विभाग के कर्मचारियों की हाजरी लगी थी, इसकी पड़ताल की जाए तथा फाईल गुम होने की एवज में पुलिस में मामला दर्ज किया जाए।

अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में लिंगानुपात को सुधारने के लिए हर प्रकार से प्रयास जारी हैं। कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए हर जिला में विशेष टास्क फोर्स गठित की गई है तथा समय-समय पर अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर निरीक्षण अभियान लगातार जारी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने खेती को मुनाफे का सौदा बनाने के लिए लागत का डेढ़ गुणा न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया है। गत 70 वर्षोँ के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य में मात्र 10-20 रुपए की ही बढ़ोत्तरी होती रही है।