पंचायत का तुगलकी फरमान, 5 साल की मासूम बच्ची को सुनाई सज़ा

खबरें अभी तक। बूंदी जिले के हरिपुरा ग्राम पंचायत में खाफ पंचायत का तुगलकी फरमान सामने आया है यहां पंच पटेलों ने एक 5 साल की मासूम से टिटहरी का अंडा टूट जाने पर उसे सज़ा दे दी। मासूम को 11 दिनों तक घर से बेदखल कर दिया अब वह घर के बाहर ही एक पलंग पर रहने को मजबूर है जिसे अब ना कोई बात करेगा ना कोई पास से खाना देगा बस एक जानवर से बत्तर जैसा बर्ताव किया जायेगा। अगर किसी को खाना भी देना होगा तो वह दूर से फेंक कर खाना देगा ताकि उस मासूम से कोई टच ना हो जाये। इस दर्दनाक तुगलकी फरमान के बाद ग्रामीणों में मायूसी है परिवार डरा हुआ सहमा हुआ है कुछ बोलना नहीं चाहता अगर बोला तो वह उनकी बेटी को सज़ा को और बड़ा देंगे। घटना जिले में आग की तरह फैली तो मानो भूचाल आ गया आनन् फानन में हिण्डोली पुलिस और जिला प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। लेकिन पुलिस देख पंच पटेल मौके से फरार हो चुके थे उन्हें केवल परिवार और पडोसी ही मिले।

जानकारी के अनुसार छात्रा हरिपुरा के राजकीय प्राथमिक विधालय में चौथी कक्षा में पड़ने गयी थी यहां उससे टिटहरी के अंडे दिखे तो उसने हाथ लगाया इसी दौरान एक अंडा टूट गया अंडा टुटा तो बच्चो में बात फैली और बात इतनी फैली की खाफ पंचायत के पंच पटेलों तक चली गयी इसको खाफ पंचायत ने गावं के भविष्य के लिए अशुभ बताया और उस पीड़ित घर को तलब किया जहां पीड़ित छात्रा के पिता के बात की गयी और पुरे गावं में पंच पटेलों ने अपना फैसला सुनाते हुए उस बालिका को समाज से 11 दिनों तक बेदखल कर दिया। और पंच पटेल चले गए। इस फैसले का विरोध छात्रा के पिता ने किया तो उसे पुरे गावं में ताने मारे गए और कह दिया की ज्यादा नाटक किये तो गावं से भगा देंगे इस पर परिवार डर गया और उसने फैसले के तीन दिन निकाल दिए आज पिता ने हिम्मत दिखाई और पुलिस से न्याय मांगा इस पर हिण्डोली थाना पुलिस , हिण्डोली तहसीदार सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगो से बातचीत की लेकिन पंच पटेल उनके सामने नहीं आ सके जिससे विवाद समाप्त नहीं हो सका।

छात्रा के साथ हुए घटनाक्रम के बाद छात्रा के माता -पिता दोनों मानसिक रूप से परेशांन चले है उन्होंने कुछ समाज नहीं आ रहा है पूरा गावं एक तरफ और वह एक तरफ उनकी माने तो कल तक सब कुछ सही था आज गलत बताकर पूरा गावं हमे कोष रहा है हमे परम्परा बता कर ऐसी सज़ा दी जाने का बोला है। पीड़िता की मां खेत में कार्य करती है और घर में चुपचाप गेंहू की सफाई कर रही चेहरे पर मायूसी है पर क्या करे पंचायत का जो फैसला है। गावं में रहना है तो खाफ पंचायत की बात तो माननी पड़ेगी ही।

इस फरमान के बाद छात्रा पर नजर रखी जा रही है घर के पंच सदस्य घर निगाह रखे हुए है की छात्रा अंदर प्रवेश ना कर ले ना कोई उसे टंच ना कर पूरी निगरानी में रखा जा रहा है गावं के अन्य लोगो की माने तो यह अगर कोई दू​सरा करता तो उन्हें भी सज़ा मिलती पुराने समय से ऐसी परम्परा चलने की बात यहां के ग्रामीण बता रहे है।

सूत्रों की माने तो इस तरह के रूढ़िवादी परम्पराओं में पंच पटेल किसी ना किसी सज़ा पर माफ़ी का कार्य भी करने को बोलते है। इस सज़ा में पुरे गावं में चने एंव खमण बांटा जायेगा और पीड़िता को दूसरे गावं के घर में स्नान करवाया जायेगा तभी उसके समाज में शामिल किया जायेगा।

जिला प्रशासन के पास मामला पंहुचा तो जिला कलेक्टर महेश शर्मा ने अधिकारीयों को भेज कर मामले को दिखाने की बात कही और ऐसे कार्यो को गैरकानूनी बताया और जिले में इस तरह के कार्य दुबारा नहीं होने के की बात कही।