माथे पर टिका लगाना छात्रा को पड़ा भारी, पिता ने सोशल मीडिया के ज़रिए दी जानकारी

खबरें अबी तक। भारत में कई धर्मों के लोग रहते और केवल धर्म ही नहीं कई जातियां भी यहां रहती है। मंदिर, मस्जीद, चर्च सबके अपने नियम हैं। इन नियमों का ही शिकार एक मासूम छात्रा हो गई जिसकी गलती बस इतनी सी थी कि बेटी ने माथे पर टिका लगाया हुआ था तो छा6 को मदरसे से निकाल दिया गया। जी हां केरल में एक 5वीं की छात्रा को मदरसे से बाहर निकाल दिया गया। बच्ची का कसूर सिर्फ इतना था कि वह माथे पर चंदन की बिंदी लगार मदरसे पहुंची थी। छात्रा के पिता ने फेसबुक के जरिए इस पूरी घटना की जानकारी दी। उनका यह पोस्ट सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।

केरल निवासी उमर मलायिल ने अपनी बेटी की तस्वीर शेयर कर लिखा कि उनकी 10 साल की बेटी हिना पढ़ाई के अलावा खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी काफी आगे रहती है। वह स्कूल और मदरसे में हमेशा पहली रैंक लाती रही है। मदरसा की पब्लिक एग्जामिनेशन में भी उसने 5वीं रैंक हासिल की थी। पोस्ट में लिखा कि हिना ने एक शॉर्ट फिल्म में शूटिंग के दौरान चंदन लगाया जिस कारण उसे मदरसे से निकाल दिया गया। उमर ने मदरसा प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा कि मेरी बेटी भाग्यशाली है कि उसे मौत की सजा नहीं सुनाई गई।

मलयालम भाषा में लिखी गई इस पोस्ट को अब तक 8 हजार लोगों ने लाइक किया और लगभग 2800 लोग इसे शेयर कर चुके हैं। उमर के इस पोस्ट पर काफी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जहां कई लोगों ने मदरसे के खिलाफ मजबूती से खड़े होने की प्रशंसा की है तो वहीं कुछ लोगों ने उमर पर इस्लाम की छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया है। आलोचकों को जवाब देनें के लिए उमर ने एक नया पोस्ट शेयर किया। जिसमें लिखा कि मैं 100 प्रतिशत आस्तिक हूं और इस्लामिक मूल्यों को अच्छे से समझता हूं। उन्होंने कहा कि यह कोई वैश्विक मुद्दा नहीं है। ऐसी स्थिति का लाभ उठाकर धर्म को खराब करने की कोशिश मत करो। यह पूरी तरह से एक स्थानीय मुद्दा है।