गारबेज कलेक्शन के काम के लिए बांग्लादेशी रहोंगिया को दिया काम

ख़बरें अभी तक। शिमला में कूड़ा उठाने के लिए लाये जा रहे रोहिंग्या मुसलमानों पर विवाद खड़ा हो गया. विश्व हिन्दू परिषद् ने प्रदेश में किसी बड़ी साजिश की आशंका जताई है. विश्व हिन्दू परिषद् ने शिमला में रोहिंग्या के पहुंचने पर कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी तरह से फ़ैल हो गई है. शिमला नगर निगम ने शिमला में कूड़ा एकत्रीकरण के लिए पांच वार्डो के काम को आउटसोर्स किया है जिसको लेकर कंपनी ने 40 कर्मचारी नियुक्त किए है. इनमें रोहिंग्याओं के अलावा देश के अन्य क्षेत्रों उत्तर प्रदेश व बिहार से लोगों को कूड़ा एकत्रित करने के लिए रखा गया है. ये लोग शिमला में घर-घर जाकर कूड़ा उठाएंगे. इसमें 22 के करीब राहिंग्या शरणार्थी भी शामिल है फिलहाल ये राहिंग्या शरणार्थी यहा काम देख कर वापिस जम्मू परिवार को लेने के लिए गए है.

रोहिंग्या शरणार्थी को शिमला नगर निगम में कूड़ा के उठाने के काम पर रखने पर विश्व हिन्दू परिषद विरोध में उतर आई है. विश्व हिन्दू परिषद् के हिमाचल प्रांत अध्यक्ष अमन पुरी ने कहा कि भारत सरकार रोहिंग्याओं को शरणार्थी न मानते हुए देश से बाहर भेजना चाहती है. वहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में इन्हें काम पर रखा जा रहा है. अब प्रदेश की राजधानी में रोहिग्यांओं को लाया जा रहा है जो प्रदेश की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है. अगर प्रदेश सरकार मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है और राहिग्यां मुसलमानों को वापिस नहीं भेजा जाता है तो विश्व हिन्दू परिषद् स्थानीय लोगों के साथ सरकार के खिलाफ आन्दोलन करेगी.

उधर इस बारे में शिमला पुलिस से बात की गई तो उनका कहना था की मामला उनके ध्यान में है और ठेकेदार को बुला कर पूछा गया है जिससे जानकारी मिली है की चार लोगों को काम पर रखा गया था लेकिन ठेकदार को जानकारी नहीं थी कि वे रोहिंग्या मुसलमान है. डीएसपी शिमला सिटी प्रमोद शुक्ला ने कहा कि ठेकदार ने बताया है कि वे जम्मू से आये थे और वापिस वहीं चले गए है और अगर वे शिमला वापिस आते है तो पुलिस उनकी जांच करेगी.

उधर नगर निगम महापौर ने पुरे मामले पर फिलहाल अपनी अनभिज्ञता जताई और काम ठेकेदार को आउट सोर्स किया गया है. लेकिन ठेकेदार ने किन लोगों को काम पर रखा है. मेयर ने मामले के ध्यान में आने के बाद जानकरी जुटाई जाएगी और सारी वेरिफिकेशन के बाद ही काम का अबनातन किया जायेगा.