मोदी सरकार का ऐलान, फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा

खबरें अभी तक। मोदी सरकार की कैबिनेट ने खरीफ की 14 फसलों पर इस साल न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा करने का ऐलान कर दिया है। सरकारी ऐलान के बाद जहां सरकार के पैरवीकार इसे किसान हितैषी और ऐतिहासिक करार दे रहे हैं तो वहीं  राजनीतिक और वैचारिक विरोधी इसे ऊंट के मुँह में जीरा जैसा बताते हुए इसे  सियासी झुंझना करार दे रहे है। विपक्ष के इस सुर में कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने भी सुर मिलाकर सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। इस बारे में हमारी टीम ने अम्बाला में कुछ किसानों और राजनीतिक लोगों से फीडबैक लिया जिसमें मिली जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं। पेश है ये विशेष रिपोर्ट।

किसानों की ओर से इस मामले में मिलीजुली प्रतिक्रिया सामने आई। गाव बोह के रहने वाले किसान अमनप्रीत धालीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की हालत देखते हुए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने का जो फैसला लिया है वो किसान हितैषी है। ये फैसला ऐतिहासिक है। वहीं गाव कलरहेड़ी के रहने वाले किसान जगविंदर सिंह ने कहा कि आज मोदी के राज में देश का किसान बर्बादी की कगार पर पहुंच गया है। MSP में मामूली सा इजाफा करके सरकार ने किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है। भाजपा ने चुनावों से पहले सत्ता में आने पर स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की बात कही थी परंतु सत्ता में आते ही सब बातें हवा हो गईं। अभी किसानों को कम रेट मिला है। फसल बीमा और आगजनी को लेकर भी सरकार के पास कोई प्लानिंग नहीं है।

MSP को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। विपक्ष ने इसे ऊँट में जीरे की संज्ञा दी है जिसमें कुरुक्षेत्र के सांसद राजकुमार सैनी ने भी अपनी विरोधी ताल दे दी है। अम्बाला पहुंचे राजकुमार सैनी ने कहा कि ये ऊँट के मुँह में जीरा ही है। स्वामीनाथन रिपोर्ट कांग्रेस के समय मे आई थी। किसान कार्ड को हर पार्टी खेलती आयी है। आज किसानों का रोम रोम कर्जदार है और वो आत्महत्या तक करने को मजबूर है। ये व्यथा सभी सरकारों को पता है। इस जिम्मेदारी से न तो कांग्रेस, न इनैलो और न ही भाजपा अपने आपको अछूता नहीं कर सकती।

चुनावी मौसम में वादों और सौगातों की फसल खूब बोई जा रही है। ऐसे में इस मौसम में मोदी सरकार की कैबिनेट ने किसानों को बड़ी राहत देने का ऐलान करते हुए इस साल होने वाली खरीफ की फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी इज़ाफ़ा करने का ऐलान कर दिया है। सरकार का दावा है कि कृषि प्रधान देश मे किसानों के हित मे उठाया गया ये ऐतिहासिक कदम है जो किसानों की दशा बदलकर रख देगा। हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने तो बाकायदा ट्वीट करके भाजपा सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक और किसान हितैषी करार दिया है।

मीडिया से हुई बातचीत में विज ने कहा कि पिछली सरकारों ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। अब मोदी सरकार ने किसानों के हितों को देखते हुए MSP यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा करने का जो फैसला लिया है उससे भारत का किसान खुशहाल और सम्पन्न होगा। पहली बार ऐसा लग रहा है जैसे देश मे किसान हितैषी सरकार है। कांग्रेस ने देश मे 50 सालों तक राज किया परन्तु किसानों के लिए कुछ नही किया। किसान के खुशहाल होने से देश खुशहाल और विकसित होगा। कांग्रेस अपने निम्नतम स्तर पर आ गयी है।

राजकुमार सैनी के द्वारा सरकार पर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए अनिल विज ने कहा कि कुछ लोग किसानों को खुशहाल होते हुए नहीं देखना नहीं चाहते, इसलिए वो ऐसी बातें कर रहे हैं।