अब बेसहारा वृद्धों का सहारा बनेगी झज्जर पुलिस

ख़बरें अभी तक। पुलिस विभाग अब झज्जर में ऐसा कदम उठाने जा रही है, जो देश भर में कहीं भी अब तक नहीं किया गया होगा. अब तक इस तरह की गतिविधियां कुछ दूसरे देशों के द्वारा अपनाई जाने की ही खबर आम लोग सुनते आ रहे हैं. लेकिन झज्जर पुलिस अब सेवा, सुरक्षा तथा सहयोग के टाईटल को सही साबित करने जा रही है. झज्जर पुलिस के द्वारा अब उन वृद्घों की पहचान की जा रही है, जिनके बेटे-बेटी विदेशों में या फिर उनसे दूर रहे हैं.

ऐसे में अकेले रहने वाले वृद्घजनों को कई बार असुरक्षा की भावना महसूस होती है. उन्हें कई बार अपने पड़ोसी से भी दिक्कत होती है लेकिन वो वृद्घ होने के चलते शिकायत भी नहीं कर पाते. लेकिन अब ऐसे वृद्घ लोगों को टेंशन लेने की आवश्यकता नहीं है. अब उनके लिए पुलिस अधीक्षक ने प्लान तैयार कर लिया है. बेसहारा बुर्जगो को सहारा बनेगी झज्जर पुलिस. दरअसल एएसआई राजेश कुमार को सूचना मिली थी कि एक बुर्जग जिसका कोई सहारा नहीं है, सूचना मिलने पर चौकी प्रभारी राजेश कुमार मौके पर पहुंचे और बुर्जग को वहां से चौकी लेकर आए और उनके साथ अपने पिता की तरह सेवाभाव से उनकी देखभाल की. पुलिस की इस पहल का हर वर्ग स्वागत कर रहा है.

झज्जर पुलिस के प्लान अनुसार ऐसे वृद्घ दपंतियों को एसपी कार्यालय से हर सप्ताह फोन किया जाएगा. उनसे पूछा जाएगा कि उन्हें किसी प्रकार की कोई तकलीफ तो नहीं है. पुलिस के द्वारा ऐसा किए जाने के से उन्हें अपनेपन का तो एक सुखद आभास होगा ही, इसके साथ उन्हें एक सुरक्षित माहौल मिलने का भी अहसास होगा. अगर किसी वृद्घ को पुलिस सहायता की आवश्यता महसूस हुई तो झज्जर पुलिस तुरंत उनके दरवाजे पर दस्तक देगी.

अकेले रहने वाले वृद्घ दपंतियों का रिकॉर्ड महिला थाना में रहेगा. इसके साथ ही संबंधित एरिया की पीसीआर व राईडर को भी ऐसे दपंति की जानकारी दी जाएगी. जिससे कि वे अपनी गश्त के दौरान उनसे मिलें तथा उन्हें आने वाली दिक्कतों पर बात कर सके. एक या दो दिन में अगर उनके पास पीसीआर या राईडर जाती रहेगी तो उन्हें भी लगा कि कोई उनकी फिक्र कर रहा है.

पुलिस के द्वारा जिले में अकेले रहने वाले वृद्घ दपंतियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है. वृद्घजनों को सुरक्षा तथा अपनेपन का अहसास करवाने के लिए ही पुलिस के द्वारा यह योजना बनाई गई. जिला पुलिस सीनीयर सिटीजन को सुरक्षित वातावरण देने का प्रयास कर रही है. एसपी पंकज नैन ने बताया कि अभी तक करीब 452 बुर्जर्गो की पहचान की गई है. उनके लिए हर तरह से प्रयास किए जा रहे है. वहीं एसपी ने कहा कि जिन बुर्जगो के लिए रहने की भी व्यवस्था नहीं है उनके लिए फिलाहल एक ट्रैम्प्रेरी रूम बनाया गया है. इसके लिए जिले के जितने भी वृद्घ आश्रम या अन्य सामाजिक संस्थान है उनमें ठहरने की व्यवस्था की जा रही है.