जाको राखे साइयां मार सके ना कोई कहावत हुई सच, देश का सबसे बड़ा अस्पताल हुआ हैरान

खबरें अभी तक। कहते है जबतक ईश्वर खुद किसी को मृत्यु नहीं देना चाहता हो तब तक कोई और उसे चाहकर भी मृत्यु नहीं दे सकता इसलिए पुराने समय से चली आ रही कहावत कि जाको राखे साइयां मार सके ना कोई, सत्य नजर आती है। ये कहावत आज 2 महीने के दक्क्ष के ऊपर सही साबित हुई जी हां आधुनिक तकनीकों से लैस भारत का सबसे बड़ा अस्पताल एम्स भी इस कहावत के आगे बौना साबित हुआ।

आपको बता दें कि अलीगढ़ में स्थित धनीपुर ब्लाक के गांव पालीरजापुर के मौजूदा प्रधान चन्द्रभान सिंह के पुत्र दक्क्ष का जन्म दो महीने पहले ही हुआ था।  चन्द्रभान की पत्नी ने अपने पति को बताया दक्क्ष जब भी दूध पीता है। तभी नीला पड़ने लग जाता है और पसीने में नहा जाता है। उसके बाद परिवार की तरफ से बच्चे को अलीगढ़ के जे एन मेडिकल में उपचार के लिए लाया गया उपचार के दौरान डॉक्टरों द्वारा दक्क्ष के दिल में छेड़ बताया गया जिसे सुनकर माता पिता भी भयभीत हो गए।

क्योंकि दिल के अधिकतर मरीज सही समय पर इलाजं ना मिलने के कारण मौत के गले लग जाते हैं। लेकिन माता पिता द्वारा दक्क्ष का ऑपरेशन करवाने की बात कही गई। लेकिन डॉक्टरों ने भी तत्काल ऑपरेशन करने से मना कर दिया और पाचं साल बाद ऑपरेशन करने की बात कही। लेकिन दक्क्ष को इलाज की सख्त जरूरत थी और दक्क्ष के परिवार की तरफ से ऑपरेशन  के लिए जगह जगह कोशिश की गई। लेकिन कही सफलता नहीं मिली। देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स ने भी दक्क्ष के पिता को पाचं साल बाद इलाज करवाने की बात कहीं गई। लेकिन पिता को डर था इलाज नहीं करवाया गया तो उनका बेटा उनसे दूर हो सकता है। यही कारण है दक्क्ष को जेपी अस्पताल नोयडा भर्ती कराया गया। जहां उसके दिल का सफल इलाज किया गया बल्कि देश के सबसे बड़े अस्पताल को भी चुनौती दे दी है।