लिंगानुपात में आई कमी पर डीसी सुमेधा कटारिया ने अधिकारियों को लगाई फटकार

खबरें अभी तक। लिंगानुपात में आई कमी पर डीसी सुमेधा कटारिया ने कड़ा संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई है। उपायुक्त सख्त निर्देश देते हुए लिगांनुपात को सुधारने के समय निश्चित किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत की थी। शुरुआती तौर पर अफसरों ने लिंगानुपात पर काम भी किया और इसके परिणाम भी सामने आए हैं। लेकिन धीरे धीरे स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की हड्डियों में पानी भरता गया, जिसका नतीजा ये निकला कि पानीपत लिंगानुपात मामले में फिर पिछड़ गया। डीसी सुमेधा कटारिया ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है। उपायुक्त ने अधिकारियों को कहा कि जिले में लिंगानुपात का इस तरह से कम होना कहीं न कहीं सूचनाओं के आदान-प्रदान और इस अभियान में अधिकारियों के साथ-साथ इससे जुड़े सामाजिक व्यक्तियों की दिलचस्पी कम होना हैं।

इसलिए जुलाई में इसके धरातल पर परिणाम सामने आने जरूरी हैं। तब कहीं जाकर इस अभियान की सफलता को आंका जाएगा। डीसी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पानीपत की पवित्र भूमि से बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का शुभारंभ किया था। इसलिए, हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि सबने मिलकर काम किया तो दिसंबर 2017 में पानीपत जिला कन्या जन्म दर में उत्तर भारत में प्रथम स्थान पर आया था।

डीसी ने कहा कि जिस जिले के पास इतनी बड़ी टीम होने के बावजूद कन्या जन्म दर नीचे आ गया हो, इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जो संख्या 900 से पार हो गई थी अब वो 900 के नीचे हो गया डीसी ने कहा कि दोबारा से इस अभियान को उठाने की जरूरत है। इसके लिए 950 का लक्ष्य स्थापित किया जाएगा।