दाती महाराज के पाली आश्रम पहुंची राज्य महिला आयोग की टीम,सामने आया फर्जीवाड़ा

खबरें अभी तक। अपनी ही शिष्या से रेप के आरोप में फंसने वाले ज्योतिषाचार्य और धर्मगुरु दाती महाराज के पाली स्थित आश्रम और आश्रम में चल रहे बोर्डिंग स्कूल में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। महिला आयोग का कहना है कि दाती महाराज के पाली स्थित आश्रम में चल रहे बोर्डिंग स्कूल और कॉलेजों में किसी भी नियम का पालन नहीं किया जा रहा हैं। दाती महाराज के आश्रम में चल रहे स्कूल-कॉलेजों में बरती जा रही अनियमितता को लेकर राज्य महिला आयोग ने जिला कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

महिला आयोग का कहना है कि आश्रम में चल रहे स्कूल और कॉलेजों के पंजीकरण का नवीनीकरण बीते तीन सालों से नहीं कराया गया है। और साथ ही स्कूल और कॉलेज के लिए बने हॉस्टल में रह रहीं छात्राओं के बारे में किसी तरह का कोई रिकॉर्ड तक नहीं है कि वे कहां से हैं।

महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने बताया कि आश्रम में कितनी लड़कियां हैं, इसका भी वहां कोई रिकॉर्ड नहीं है। एक नोटबुक में मात्र सौ लड़कियों के नाम ही दर्ज थे। उन्होंने कहा, ‘आश्चर्यचकित करने वाली बात ये है कि नोटबुक में लड़कियों के पिता का नाम कुछ और तो शपथ-पत्र में नाम कुछ और है। साथ ही आयु संबंधित सूचना भी झूठी रही है।

साथ ही उन्होनें बताया कि, ‘जब मेरी टीम आश्रम गई, तो हमें वहां दो लोग मिले, जिसमें से एक ने खुद को प्रधानाचार्य और दूसरे ने खुद को कैशियर बताया। जब उनसे शिक्षा विभाग की एनओसी के बारे में सवाल किया गया तो उन्हें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। ये  लड़कियां कहां से आई हैं और कब से यहां रह रही हैं, इसका कोईसाफ रिकॉर्ड मिला ही नही।

उन्होंने यह भी बताया कि आश्रम के कर्मचारियों ने जांच करने पहुंची महिला आयोग की टीम की सहायता तक नहीं की। महिला आयोग के अनुसार  उन्हें दाती महाराज के आश्रम में चल रहे इस स्कूल में 151 लड़कियों के होने की जानकारी प्राप्त हुई थी। फिर जब महिला आयोग की टीम आश्रम के स्कूल पहुंची तो वहां परिसर में 253 लड़कियां मौजूद थी। महिला आयोग ने कहा कि अधिकतर लड़कियां गुजरात के गोधरा और राजस्थान के उदयपुर से ताल्लुक रखती हैं और आदिवासी समुदाय से आती हैं।

महिला आयोग की टीम ने जब परिसर में मौजूद छात्राओं से बात करनी चाही, तो वे काफी डरी हुई लगीं और उन्होंने बयान कई बार बदले। कभी वे कह रही थीं वे 15 दिन पहले ही आश्रम आई थीं, जबकि अगली बार उन्होंने बताया कि उन्हें आश्रम आए 30 दिन बीत चुके हैं।

जिला कलेक्टर को लिखे एक खत में सवाल किया गया है कि इस आश्रम में रिकॉर्ड की जांच के लिए कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई और साथ ही सामाजिक न्याय विभाग को इन लड़कियों को अपनी हिरासत में लेने के लिए क्यों नही कहा गया है।