वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या, पीयूसीएल ने की कड़ी निंदा

खबरें अभी तक। मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) ने जम्मू कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या की कड़ी निंदा की है। पीयूसीएल ने कहा कि हत्या का मकसद शांति प्रक्रिया को बाधित करना है। मानवाधिकार समूह ने कहा है कि सैन्य तरीके से समाधान के मुखर आलोचक बुखारी ने कश्मीर में संघर्षविराम का समर्थन किया था।

पीयूसीएल ने कहा, ‘वह सभी पक्षों की हिंसा के खिलाफ थे और वार्ता के जरिए शांति कायम करने के पक्षधर थे। उन्होंने संघर्षविराम का समर्थन किया था।’ वहीं, पुलिस ने बताया कि आतंकी शुजात बुखारी को मारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते थे और इसीलिए उन पर ताबड़तोड़ 15 गोलियां दागी गई थीं। शुजात बुखारी की हत्या के बाद सामने आए संदिग्ध बाइक सवार हमलावरों की पहचान कर ली गई है। तीनों लश्कर के आतंकी हैं। उनकी पहचान अबू उसामा, नवीद जट और मेहराजुद्दीन बंगारू के रूप में हुई है।

वहीं, श्रीनगर में राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या के मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। हत्‍या मामले के चौथे संदिग्‍ध को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। संदिग्ध से पुलिस ने उस बंदूक को भी बरामद किया है, जिसे उसने मौका ए वारदात से उठाया था। यह जानकारी कश्‍मीर के आईजी एसपी पानी ने दी। गिरफ्तार संदिग्ध का नाम ज़ुबैर कय्यूम बताया जा रहा है। हालांकि, अभी बाकी तीन संदिग्धों की पुलिस को तलाश है।

बुखारी की हत्या की निंदा करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अविनाश राय खन्ना ने कहा कि आतंकवादियों ने महज एक व्यक्ति की हत्या नहीं की है बल्कि उन्होंने देश के लोकतंत्र के चौथे खम्भे की हत्या की है। उन्होंने मांग की कि जम्मू-कश्मीर में पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सरकार पर्याप्त कदम उठाए। खन्ना ने कहा कि आतंकवादियों ने घृणित अपराध को अंजाम दिया है और भाईचारे को कलंकित किया है।