ईद-उल-फ़ितर के मौके पर राष्ट्रपति कोविंद और पीएम मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को दी बधाई

खबरें अभी तक। पूरे भारतवर्ष में आज बड़ी धूमधाम से ईद का त्योहार मनाया जा रहा है। ईद-उल-फ़ितर मुसलमानों का एक पाक पवित्र त्योहार है। ईद का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस्लामी कैलेंडर के तहत रमजान का महीना पूरा होने पर ईद मनाई जाती है।  ईद की रौनक हर जगह है. ईद के दिन मुसलमान ईदगाह में इकट्ठे होकर ईद-उल-फ़ितर की नमाज़ अदा करते हैं। नमाज के बाद लोगों ने गले मिलकर एक दूसरे को मुबारकबाद दी है। रमज़ान के पूरे महीने में मुसलमान रोज़े रखकर अल्लाह की इबादत में गुज़ारते हैं। इस साल रमज़ान का महीना 17 मई को शुरु हुआ था।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देशवासियों को ईद की मुबारकबाद दी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्विटर पर लिखा है, ”सभी देशवासियों, खास तौर से देश और विदेश के हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को ईद मुबारक. यह शुभ दिन आप सब के परिवारों के लिए खुशियां और जश्न लाए और हमारे साझा समाज में भाईचारे, आपसी सौहार्द और मेल-मिलाप को मज़बूत बनाए।”

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है, ”ईद मुबारक! ये दिन हमारे समाज में एकता और सद्भाव के बंधन को गहरा करता है।” पीएम मोदी ने बधाई देते हुए मन की बात का एक ऑडियो भी शेयर किया है।

मान्यता है कि रमजान महीने की 27वीं रात को कुरान का नुजूल यानी अवतरण हुआ था। हिजरी कैलेण्डर के अनुसार ईद साल में दो बार आती है। एक ईद को ईद-उल-फितर और दूसरी को ईद-उल-जुहा कहा जाता है। आज ईद-उल-फितर मनाई जा रही है। ईद-उल-फितर को सिर्फ ईद या मीठी ईद भी कहते हैं।

इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नए कपड़े पहनकर मस्जिद में नमाज पढ़ने जाते हैं। वहां नमाज पढ़कर एक दूसरे के गले लगते हैं और ईद की बधाई देते हैं।

दुनियाभर के मुसलमानों के लिए ईद खुशी का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। ये दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि पूरे रमज़ान में रोज़े रखने के बाद ये दिन मुसलमानों के लिए अल्लाह की तरफ से एक तोहफा है। 30 दिन के रोजे के बाद ईद-उर-फितर खुशियों का पैगाम लेकर आता है। ईद में मुसलमान अल्लाह का शुक्रिया अदा इसलिए भी करते हैं कि उन्होनें महीने भर रोजे रखने की शक्ति दी।

इस ईद को ईद-उल-फितर कहा जाता है। ईद के दिन सुबह पहले नमाज़ पढ़ी जाती है, जिसके बाद लोग आपस में एक दूसरे को इस दिन की मुबारकबाद देते हैं। इस दिन लोग अपने सभी गिले शिकवे भूलाकर आपस में गले मिलते हैं।