इंसाफ मिलने को लेकर रेप पीड़िता की जगी उम्मीद

ख़बरें अभी तक। सात माह से इंसाफ के लिए दौड़ रही दलित रेप पीड़िता को इंसाफ मिलने की उम्मीद एक बार फिर जग गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़िता का कलमबन्द बयान लेकर सिद्धार्थनगर जिले के एस पी को मामले की जांच के आदेश दिए है. रेप के इस मामले में आरोपी सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता थे और रेप की जगह अपना दल विधायक अमर सिंह का कार्यालय था.

सिद्धार्थनगर जिले के पुलिस अधीक्षक कार्यालय से लेकर शोहरतगढ़ थाने का चक्कर लगाकर इंसाफ पाने के लिए थक चुके इस पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट में गुहार लगायी और उसे वहां से नाउम्मीद नहीं होना पड़ा. शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र के रहने वाली इस नाबालिक किशोरी ने शोहरतगढ़ क्षेत्र के अपना दल विधायक अमर चौधरी के कार्यलय में बन्धक बनाकर गैंग रेप का आरोप लगाया था. पीड़िता के शोहरतगढ़ थाने में 6फरवरी 2018 को दी गयी तहरीर के मुताबिक 6दिसम्बर2017 को खेत में काम कर रही थी इस दौरान गांव के ही सोनू और गोलू उसकी मां की ताबियत ख़राब है कर उसे बुलाया और उसे लेकर दिल्ली गए.

वहां से दो दिन बाद वह वापस आए और उसे शोहरतगढ़ विधायक के अगया गांव के कार्यालय लाए. विधायक के कार्यलय में निराला और बाठे नाम के दो व्यक्तियों ने उसका बलात्कार किया. किसी तरह वहां से भाग कर दलित किशोरी ने पुलिस में इसकी सूचना दी पीड़ित परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने इस मामले में जो चार्ज सीट दाखिल की उसमे से दोनों बलात्कारी युवको निराला और बाठे का नाम गायब है पुलिस उन्हें बचा रही है क्योंकि यह लोग विधायक के ख़ास लोग है. पीड़िता ने पुलिस के इस रवैये से दुखी होकर हाईकोर्ट में अपील की और अब जांच का आदेश हुआ है. कोर्ट के इस आदेश से परिवार खुश है और उसे इंसाफ की उम्मीद फिर से जगी है.

रेप इस सनसनी खेज घटना में विधायक के खास लोगों का नाम आने और घटना स्थल विधायक कार्यालय होने की वजह से शोहरतगढ़ के अपना दल विधायक चौधरी अमर सिंह पर ऊंगली उठनी शुरू हो गई, विधायक लगातार इस घटना के उनके कार्यालय में होने से इन्कार करते रहे है और आरोपियों को अपना करीबी नहीं बल्कि हिन्दु युवा वाहनी का कार्यकर्ता बताकर खूद को इस मामले से अलग करने का प्रयास किया.

विधायक का आरोप है कि मौजूदा समय में उनके बढ़ते वर्चस्व से विरोधी घबराए है इसलिए उनके विरोधी उन्हें फसाकर बदनाम करने का प्रयास कर रहे है. विधायक जी इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे है और जांच के बाद जो भी दोषी हो उन्हें सजा मिलने की बात कर रहे है. आरोपियों के हिन्दु युवा वाहनी होने के सवाल पर जब हिन्दु युवा वाहनी के जिलाध्यक्ष से बात की गई तो वह विधायक के मानसिक संतुलन पर ही सवाल खड़ा कर अपनी सफाई पेश करने लगे. वहीं जिले के पुलिस अधीक्षक इस मामले में कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है