पंचकूला: 10वीं की परीक्षा में 63 में से सिर्फ एक पास

खबरें अभी तक। हरियाणा के पंचकूला जिले का एक गांव ऐसा भी है, जहां 10वीं बोर्ड की परीक्षा में अपने गांव रहिना के स्कूल की विद्यार्थी मुसरा खातुन ने बताया कि वह अपने गांव के सरकारी स्कूल में पढती है, जिसने 10वीं कक्षा के 63 बच्चों में से अकेले 10वीं बोर्ड की परीक्षा पास की है। उसने बताया कि उसने परीक्षा में 500 में से 344 अंक प्राप्त किये हैं और वह 11वीं में मेडिकल स्ट्रीम ले कर डॉक्टर बनना चाहती है। उसने बताया कि वह सिर्फ पढ़ाई करती थी और उसके माता-पिता

उससे घर का काम नहीं करवाते और बच्चों के पास ना होने का कारण पूछे जाने पर मुसरा ने बताया कि वह बच्चे पढ़ाई न करके घर के काम करते रहते हैं और पढ़ाई की ओर ध्यान नही देते। मुसरा ने ओर बच्चों के अभिभावकों से भी अपील की है कि वो अपने बच्चों को घर के कामों में न लगा कर उन्हें पढ़ने के लिए कहें।

वहीं मुसरा के पिता इकबाल खातुन ने कहा कि उन्हें अपनी बच्ची के 10वीं में पास होने पर बहुत अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि वे अपनी बच्ची की पढ़ाई पर पूरा ध्यान देते हैं, जबकि और अभिभावक अपने बच्चों की पढ़ाई की ओर ध्यान नही देते। उन्होंने कहा कि वे अपनी बच्ची को आगे भी पढ़ाएंगे और वो जहां तक पढ़ना चाहती है, वे उसे पढ़ाएंगे।

रहिना गांव के सरपंच आलमगीर ने गांव के स्कूल के बच्चों का रिजल्ट अच्छा ना आने का कारण अभिभावकों का उनके बच्चों की पढ़ाई की ओर ध्यान न देना तथा बच्चों का पढ़ाई में मन न होना बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ इन बच्ची को स्कूल में पढ़ते देखा है, बाकी बच्चे तो इधर-उधर घूमते नजर आते थे। उन्होंने कहा कि स्कूल में मिड-डे-मील का बांटा जाना भी एक कारण हो सकता है क्योंकि 3-4 अध्यापक तो प्रबंध के लिए लगे रहते हैं।।उन्होंने स्कूल में मिलने वाली मिड-डे-मील सेवा को बंद करने की मांग भी की।