दोनों हाथ नहीं है फिर भी ये किसान नहीं है किसी पर निर्भर

ख़बरें अभी तक। पलवल: आज जहां लोग छोटी छोटी परेशानीयों से हारकर अपना जीवन समाप्त कर लेते है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते है जो इन्ही परेशानियों को अपनी ताकत बनाकर समाज को प्रेरित कर रहे है. ऐसी ही एक कहानी है पलवल के गांव कौंडल में रहने वाले एक किसान की.

एक पल को अगर आप सौचे की आपके दोनों हाथ ही नहीं है तो उसी पल में आपके भीतर कई सवाल, परेशानीयां, कमजोरीयां जन्म ले लेगीं और हो सकता है कि आप इन्ही कमजोरियों से हारकर अपनी जीवनलीला समाप्त करने के बारे में सोचे, लेकिन ये सब करने से पहले आपको पलवल के इस किसान की कहानी जरूर जाननी चाहिए. एक ऐसा किसान जिसके बचपन में दोनों हाथ कट गए. लेकिन उसने कभी अपनी इस कमजोरी को अपने उपर हावी नहीं होने दिया, ब्लकि इसको अपनी ताकत बनाया और ये किसान हर वो काम करता है जो एक आम आदमी करता है.

पलवल के गांव कौंडल में रहने वाला 55 वर्षीय धर्मवीर पेशे से एक किसान है, जो गांव में खेती बाड़ी करके अपने परिवार का पोलन पोषण करता है, मात्र 14 साल की उम्र में ही किस्मत ने धर्मवीर के दोनों हाथ उससे छीन लिए, किसान धर्मवीर ने बताया कि 12 अप्रैल 1981 का वह दिन उसको आज भी याद है जो उसके दोनों हाथ उससे छिन गए. धर्मवीर ने बताया कि वह उन दिनों 9वीं कक्षा का छात्र रहता था. परिवार के लोग खेतो पर मशीन से गेंहू निकाल रहे थे, परिवार के लोगों के साथ वह भी मशीन पर गेंहू निकालने के लिए चढ़ गया और जब उसने गेंहू निकालने के ‌लिए फसल को मशीन में डाला तो उसके दोनों हाथ मशीन के ‌अंदर चले गए. जिसके बाद वह बेहोश हो गया.

जब उसकी आंख खुली तो वह अस्पताल में था और अपने दोनों हाथ गंवा चुका था. धर्मवीर ने कहा कि बिना पंखो के पंछी नहीं उड़ सकता लेकिन वो उड़ रहा है, धर्मवीर ने बताया कि हाथ कट जाने का दुख उसको हमेशा से रहा है लेकिन उसने कभी कटे हुए हाथों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. अपनी इसी कमजोरी को उसने ताकत बनाकर इस्तेमाल किया और धर्मवीर आज खेतों के काम से लेकर घर का काम तक का सारा काम खुद करता हैं. धर्मवीर खेतों में टैक्टर चलाकर खेतों की जुताई का काम, फसल की नराई का काम, फसल में पानी लगाने का काम, पशुओं के मशीन से चारा काटने का काम स्वंय करता है.

किसान धर्मवीर के परिवार के लोग भी उसकी ताकत का लोहा मानते है परिवार के लोग बताते है कि इतना सब होने पर कोई भी हिम्मत हार सकता है लेकिन धर्मवीर ने आज तक हिम्मत नहीं हारी है वो बिना हाथ के लगभग हर वो काम करता है जो नॉर्मल हाथ वाला इंसान करता है. गांव कौंडल के सरपंच संदीप तेवतिया ने बताया कि धर्मवीर आज उन लोगों के लिए एक मिसाल बना हुआ है जो लोग छोटी छोटी कमजोरियों से तंग आकर जिंदगी से हार मान लेते है, हमे धर्मवीर से सीखना चाहिए कि अगर मन में सच्चा विश्वास हो तो किसी भी चुनौती से निपटा जा सकता है.