हिमाचल प्रदेश: कसोल में 15 से 17 तक मनाया जाएगा समर फेस्टीवल

ख़बरें अभी तक। हिमाचल प्रदेश:  विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल कसोल में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 15 से लेकर 17 जून तक ग्रीष्मकालीन उत्सव मनाया जा रहा है. फेस्टीवल की तैयारियों को लेकर शनिवार को मणिकर्ण वैली होटल एसोसिएशन की बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के प्रधान किशन ठाकुर ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी 15 से लेकर 17 जून तक कसोल में समर फेस्टीवल धूमधाम से मनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि फेस्टीवल को सफल बनाने के लिए एसोसिएशन ने कमर कस ली है और सभी पदाधिकारियों को जिम्मेवारियां सौंप दी गई हैं.

किशन ठाकुर ने बताया कि तीन दिवसीय इस उत्सव में खेलकूद प्रतियोगिताओं के साथ-साथ रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा. इसके अलावा इस बार फेस्टीवल में आयोजित की जाने वाली जिला स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता सबके लिए आकर्षण का केंद्र रहेगी. वहीं प्रधान ने बताया कि हरि राम ठाकुर के एसोसिएशन के प्रति सेवाओं के मद्देनजर सर्वसम्मति से हरि राम ठाकुर को उप प्रधान नियुक्त किया गया. बैठक में उप प्रधान संजय शर्मा, हरि राम ठाकुर, महासचिव गुलाब विष्ट, कोषाध्यक्ष मोहिंद्र सिंह गुड्डू, कौशल्या देवी सलाहकार एवं प्रधान महिला मंडल कसोल सहित सदस्य प्रतिमा, रितू, राजेश व प्रेम काईस्था उपस्थित रहे.

मणिकर्ण वैली होटल एसोसिएशन के प्रधान किशन ठाकुर ने बताया कि तीन दिवसीय इस समर फेस्टीवल का मुख्य उद्देश्य मणिकर्ण घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देना है. उन्होंने बताया कि मणिकर्ण व कसोल में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शिमला की तर्ज पर पर पिछले पांच वर्षों से मणिकर्ण वैली होटल एसोसिएशन समर फेस्टीवल का आयोजन करती आ रही है.

उन्होंने बताया कि मणिकर्ण घाटी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है और यह घाटी पूरी तरह से कुदरत के हसीन नजारों से भरी हुई है लेकिन सरकार की उपेक्षा के कारण पर्यटक इस घाटी से मुंह मोड़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरकार की नजर-ए-इनायत न होने के कारण इस घाटी के पर्यटन स्थल विकसित नहीं हो पाए हैं और सुविधाओं के अभाव के कारण भी यहां पर सैलानियों की आवक हर वर्ष कम हो रही है. घाटी को चरस के नाम से बदनाम किया गया है जिस कारण यहां के पर्यटन को ग्रहण लगा हुआ है. इसलिए मणिकर्ण वैली होटल एसोसिएशन ने यहां पर समर फेस्टीवल का आयोजन करने का निर्णय लिया है ताकि यहां के पर्यटन व्यवसाय को पंख लग सकें.