3 साल के मासूम का यह हैरत अंगेज कारनामा देख दंग रह जाएंगे आप

ख़बरें अभी तक। कानपुर देहात में एक 3 साल का बच्चा कौतूहल का विषय बना हुआ है, दरअसल जिस उम्र में बच्चे पेंसिल ठीक से नहीं चला पाते है, उस उम्र में वह मासूम बच्चा एक निपुण चालक की तरह ट्रैक्टर चलाता है. उसके हैरत अंगेज करनामें देख लोग आश्चर्य में पड़ जाते है. जिस बचपन मे बच्चा पिता की उंगली पकड़कर चलना सीखते है, उस उम्र में वह ट्रैक्टर की स्टेयरिंग पकड़कर सड़क व खेंतो में ट्रैक्टर दौड़ाता है और ट्रैक्टर से खेत की जुताई बड़ी आसानी से कर लेता है, इस नन्हे चालक के इस हैरत अंगेज़ कारनामे से हर कोई अचंभित है. जब वह स्टेयरिंग थामकर ट्रैक्टर चलाता है तो वह नजारा देख लोग दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर हो जाते है.

खड़े होकर पैर से लगाता ब्रेक

चेहरे पर मुस्कान के लिए और हांथो की उंगली में चाभी घुमाता मासूम बच्चा शब्दर जब अपने नन्हे हांथ से ट्रैक्टर की चाभी घुमाता है, मानो कोई निपुण चालक निकल पड़ा हो. शब्दर एलकेजी क्लास में पढ़ रहा है और उसकी उम्र लगभग 3 साल है, दरअसल शब्दर एक निपुण चालक की तरह ट्रैक्टर चलाता है, हालांकि शब्दर के नन्हे पैर ब्रेक तक नहीं पहुंच पाते है, जब ब्रेक मारनी होती है तो शब्दर सीट से उतर कर ब्रेक मारता है. भीड़ भाड़ वाली जगह पर शब्दर एक कुशल चालक की तरह हॉर्न बजाता है. शब्दर के ट्रैक्टर चलाने के इस अंदाज से हर शख्स अचम्भे में पड़ जाता है कि आखिर 3 साल का बच्चा कैसे ट्रैक्टर चला लेता है.

पिता की जेब से चाभी लेकर पहली बार चलाया

दरअसल शब्दर बचपन से ही अपने पिता चांद बाबू राइन के साथ खेतो में आया जाया करता था. चांद बाबू राइन पेशे से किसान है. चांद बाबू राइन बताते है कि शब्दर ने ट्रैक्टर चलाने की शुरुआत खेत से की है. कुछ महीने पहले की बात है चांद बाबू राइन खेत मे ट्रैक्टर खड़ा कर फसल देखने मे मशगूल हो गए. इस बीच शब्दर पिता की जेब से चाभी लेकर ट्रैक्टर पर सवार हो गया और चाभी घुमाकर ट्रैक्टर स्टार्ट किया फिर पलक झपकते ही गियर लगाकर फर्राटा भर दिया. ये मंज़र देख पिता चांद बाबू राइन डर गए लेकिन शब्दर ट्रैक्टर चलाता रहा. वहीं पिता चांद बाबू राइन ने ट्रैक्टर बन्द कर शब्दर की खूब पिटाई की और हिदायत दी कि दोबारा इस तरह की हरकत मत करना लेकिन शब्दर ने उनकी बात को अनसुना कर दिया.

गिनीज बुक के लिए पिता करेंगे प्रयास

जब पिता ने यह समझ लिया कि उसकी इच्छा जागृत हो चुकी है तो पिता चांद बाबू राइन ने बगल की सीट पर बैठकर शब्दर से खेतों में ट्रैक्टर चलवाया और फिर सड़क पर शब्दर निपुण चालक की तरह ट्रैक्टर चलाने लगा. वहीं ग्रामीण परिवेश होने के चलते अभी शब्दर का नाम सबसे छोटा ट्रैक्टर चालक के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने की कोशिश नहीं की गई है लेकिन पिता चांद बाबू राइन का कहना है कि जानकारी कर शब्दर का नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराने का प्रयास करेंगे.

शब्दर ने पायलट बनने की इच्छा की जाहिर

शब्दर का बड़ा भाई कैफ है कैफ लगभग 14 साल का है लेकिन वो ट्रैक्टर नहीं चला सकता लेकिन छोटा भाई शब्दर फर्राटा भरकर ट्रैक्टर चलाता है और इलाकाई लोग ट्रैक्टर चलाने को लेकर बड़े भाई कैफ का मज़ाक भी उड़ाते है. शब्दर बताता है कि शुरुआत में 2 बार उसका ट्रैक्टर दूसरी गाड़ियों में लड़ा लेकिन शब्दर को चोट नहीं आई. जिसके बाद शब्दर का डर खत्म हो गया और अब वह एक निपुण चालक की तरह ट्रैक्टर चलाता है. शब्दर एलिफैंट की स्पेलिंग भले ही ना बता पाए लेकिन वो ट्रैक्टर के गियरों की विशेष जानकारी रखता है कि कौन सा गियर कहां लगेगा.

ताज्जुब तो तब हुआ जब उससे पूछा गया तो उसने तपाक से कार चलाने का दम भी भर लिया, वह कहता है मुझे बड़े बड़े वाहन चलाने का बहुत शौक है, जब उसने होंठों पर मुस्कान लाते हुए कहा कि वह बड़े होकर पायलट बनना चाहता है तो उसकी इस बात से कोई आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि एक कुशल पायलट बनना शब्दर के लिए नामुमकिन नहीं है.