पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 7 जून को करेंगे आरएसएस के मुख्यालय का दौरा

खबरें अभी तक। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी 7 जून को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नागपुर मुख्यालय जाएंगे। वह संघ शिक्षा वर्ग के तीसरे वर्ष ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैंप में शामिल हो रहे स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।आरएसएस के संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के शिविर में शामिल होने के लिए मुखर्जी को आमंत्रण भेजा गया था, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। इस शिविर को ऑफिसर्स ट्रेनिंग कैम्प यानी ओटीसी भी कहते हैं।

सूत्रों के मुताबिक वह इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नागपुर जाएंगे। वह नागपुर में दो दिन रहेंगे और 8 जून को वापस लौटेंगे। संघ शिक्षा वर्ग के शिविर के समापन समारोह में मुखर्जी शामिल होंगे। वह इस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इस शिविर में करीब 700 स्वयंसेवक शामिल हो रहे हैं।

संघ के जानकार राकेश सिन्हा ने कहा, ‘पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को आमंत्रित करना और उनके द्वारा यह आमंत्रण स्वीकार करना एक महान संदेश है। ऐसा करके प्रणब मुखर्जी ने उन लोगों को जवाब दिया है, जो संघ के हिंदुत्व पर सवाल उठाते थे। प्रणब मुखर्जी पिछले कई दशकों से राजनीति में रहे हैं।

अपने पूरे राजनीतिक करियर में कांग्रेस से जुड़े रहे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कांग्रेस की सरकारों के दौरान वित्त, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाले हैं, जबकि आरएसएस को भारतीय जनता पार्टी के मातृ संगठन के रूप में में जाना जाता है। बताया जाता है कि पिछले कुछ वर्षों में प्रणब मुखर्जी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीच अच्छे रिश्ते बन गए हैं।प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति बनने के बाद भागवत को कई बार राष्ट्रपति भवन आने का न्योता मिला था और दोनों के बीच भारत की संस्कृति, दर्शन जैसे कई मसलों पर चर्चा हुई थी।

गौरतलब है कि गर्मियों के दौरान आरएसएस पूरे देश में अपने स्वयंसेवकों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित करता है। तृतीय वर्ष का अंतिम प्रशिक्षण शिविर संघ के मुख्यालय नागपुर में आयोजित किया जाता है। अक्सर तृतीय वर्ष प्रशिक्षण हासिल करने के बाद ही किसी स्वयंसेवक को आरएसएस का प्रचारक बनने के योग्य माना जाता है। आरएसएस अपने शिविर में प्रख्यात लोगों को स्वयंसेवकों को संबोधित करने के लिए बुलाता है। इस साल पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को आमंत्रण भेजा गया जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया है.