हरियाणा के इस स्कूल में 10वीं के सभी बच्चें हुए फेल

ख़बरें अभी तक। पलवल के गांव दीघोट में बने सरकारी स्कूल में कक्षा 10वीं के परीक्षा परिणामों में 51 बच्चों में से सभी के फेल हो जाने पर ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन का विरोध करते हुए स्कूल पर ताला जड़ दिया. ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल स्टाफ की लापरवाही के कारण सभी बच्चे फैल हो गए. अध्यापक बच्चों को पढ़ाने की बजाय आपसी बातचीत और मोबाइल पर समय बिताते है और जब रिज्लट खराब आता है तो ग्रामीणों को जिम्मेदार ठहराया जाता है.

हरियाणा बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं कक्षा के परिक्षा परिणामों में जहां एक तरफ आधा हरियाणा फेल हुआ वहीं दूसरी तरफ दीघोट गांव का सरकरी स्कूल 10वीं कक्षा में पूरा ही फेल हो गया. जिसके विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया और स्कूल के दरवाजे पर धरना देकर बैठ गए. आपकों बता दे कि  कक्षा 10वीं में 51 बच्चों ने पेपर दिए थे, 51 बच्चों में से 5 बच्चों का नकल करते हुए पकड़े जाने पर केस बन गया था और बचे हुए 46 बच्चों में से एक बच्चे की कंपाडमेंट आ गई बाकि सब फेल हो गए. इस तरह से 51 बच्चों में से एक भी बच्चा पास नहीं हो पाया.

ग्रामीणों ने स्कूल स्टाफ पर आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यापकों की कमी के कारण 51 बच्चों में से कोई भी पास नहीं हो सका है. क्योंकि अध्यापक पढ़ाने की बजाय मोबाइल फोन पर गेम खेलने और बातचीत करने में लगे रहते है. बच्चों की पढ़ाई की तरफ कोई ध्यान नहीं ‌दिया जाता और जब बच्चे फेल होते है तो इसका जिम्मेदार बच्चों के माता पिता को बताया जाता है. जिसपर ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला जड़ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जो बच्चे फेल हुए है उनको स्कूल में दाखिल दोबारा से दिया जाए और जो तीन विंग स्कूल में बने हुए है तुंरत तत्तकाल से उन विंगो के प्राधानाचार्यो का तबादला किया जाए और बाद में स्कूल स्टाफ को बदला जाए. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नही होगी. तब तक स्कूल बंद रहेगा और स्कूल के सामने धरना चलता रहेगा.

वहीं ग्रामीणो से बातचीत करने आए होडल खंड शिक्षा अधिकारी जीतपाल को भी ग्रामीणों ने विरोध करके वापस लौटने पर मजबूर कर दिया और जब उनसे मिडिया द्वारा पूछा गया तो वो हाथ जोड़कर कैमरे के सामने से भागने लगे.