स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए तैयार किया गया रॉल मॉडल

ख़बरें अभी तक। रोहतक हेल्थ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ओपी कालरा को एक्सटेंशन मिलने की पूरी उम्मीद है. बताया जा रहा है कि इस संबंध में फाइल मुख्यमंत्री की टेबल पर है. 26 मई को कुलपति डॉ. ओपी कालरा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और उनके एक्सटेंशन को लेकर चर्चाए है कि सरकार की तरफ से उनके कार्यकाल को बढ़ाने की प्रक्रिया अंतिम चरण पर है. भले ही पीजीआई में कई मामले चर्चा में रहे हो, लेकिन कुलपति ने ट्रॉमा सेंटर, मदर चाइल्ड सेंटर सहित पीजीआई को ए ग्रेड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने में अहम भूमिका निभाई है और अब भी स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को लेकर रॉल मॉडल तैयार किया गया है

जिसके तहत पांच सौ बैड की एमरजेंसी, देश की दूसरे नंबर की फोरेसिंक लैब सहित पूरे पीजीआई परिसर का स्वरूप ही अलग होगा. गोवा के बाद यह देश की दूसरी ऐसी फोरेंसिक लैब होगी, जिसमें अलग-अलग तीन बड़ी प्रयोगशालाएं होगी. डीएनए टेस्ट से लेकर विसरा रिपोर्ट की हाथों हाथ रिपोर्ट मिल पाएगी. सबसे बड़ी बात तो यह है कि कांग्रेस शासनकाल के दौरान ट्रॉमा सेंटर का निर्माण शुरू किया गया था, लेकिन चार साल तक उसकी कोई सुध नहीं ली गई.

हालांकि ट्रॉमा सेंटर को शुरू करने को लेकर कई विवाद हुए है और न तो मुख्यमंत्री और न ही मंत्री उद्घाटन करने आए, लेकिन इसके बावजूद भी कुलपति व उसकी टीम ने ट्रॉमा सेंटर का शुरू किया और आज ट्रॉमा सेंटर मरीजों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रहा है. ट्रॉमा सेंटर शुरू होने से पुरानी आपतकालीन विभाग का भी काफी वर्कलोड कम हुआ है. अब भविष्य की योजना को लेकर पीजीआई का रॉल मॉडल तैयार किया जा रहा है, जिसके चलते पूरा स्वरूप ही बदल जाएगा. करीब दो सौ करोड़ की योजनाओं पर कार्य शुरू होगा. यही नहीं देश की दूसरे नंबर की मोर्चरी का काम भी जल्द शुरू होने वाले है, जिसको लेकर सरकार ने बीस करोड़ की राशि कर दी है.