डेढ़ लाख रूपये में मां और बेटी को किया तस्करों के हवाले

खबरें अभी तक। राजधानी में एक ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला सामने आया है. शाहजहांनाबाद से लापता हुई 28 साल की महिला और उसकी 3 साल की बेटी को पुलिस ने 72 घंटो बाद ढूंढ निकाला. आरोपियों ने विक्टिम को राजगढ़ में डेढ़ लाख रुपए में बेचा था, तो वहीं उसकी बेटी को भीख मंगवाने के लिए विदिशा जिले 50 हजार रुपए में बेच दिया था. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है, वहीं मुख्य आरोपी के साथ तीन आरोपी अभी फरार हैं।

– आरोपियों के चंगुल से छूटकर महिला ने बताया कि वो शाहजहांनाबाद में रहकर छोटा-मोटा काम कर बेटी को पाल रही थी। शानू ने कहा कि 50-60 रुपए में क्या होता है। मेरे साथ राजगढ़ चलो। 500 रुपए दिन का दिलवा दूंगा।
– आरोपी शानू मुझे और बेटी को रंजीत के साथ 14 अगस्त को माटनीपुरा लाया। सुमेर से मेरी जबरदस्ती शादी करवा दी। मैंने ऐसा करने से मना कर दिया तो उन्होंने कहा कि तुम्हारी बेटी हमारे पास है, मार देंगे। उसके बाद वह बेटी ले गए।
– सुमेर घर में बंद करके मारता था। मजदूरी करवाता था और रात को ज्यादती करता था। उस नर्क में मैं उनका जुल्म सिर्फ अपनी बेटी को जिंदा देखने के लिए सहती रही। महिला ने कहा कि कैसे लोग होते थे जो इंसानों को भी बेच देते हैं।

शराबी पति से अलग रह रही थी महिला-

– मेरी 12 साल पहले खंडवा में शादी हुई थी। पति काम की तलाश में भोपाल ले आया। शराब पीकर झगड़ा करता था। उसका व्यवहार असहनीय था। बेटी के जन्म के कुछ समय पहले मैंने उसे छोड़ दिया।

9 ठिकानों पर दबिश देकर दोनों तक पहुंची पुलिस-

ने रंजीत की निशानदेही पर माटनीपुरा में 5 जगहों पर दबिश दी। अंतत: जंगल के बीच एक मकान में महिला बंधक मिली। हालांकि सुमेर और उसका पिता भाग गया। वह उससे दिन में मजदूरी करवाता था और रात में ज्यादती करता था। वहीं एक टीम ने विदिशा में पांच अलग-अलग ठिकानों पर दबिश देकर बच्ची को एक मंदिर के बाहर गंगाराम से बरामद कर लिया।