सोहना: शिक्षा के नाम पर बच्चे कर रहे चौकीदारी

ख़बरें अभी तक। सोहना- जहां एक ओर खट्टर सरकार और शिक्षा विभाग बड़ी-बड़ी बातें करती है कि सरकारी स्कूल में शिक्षा बेहतर है. लेकिन हकीकत कुछ और ही निकली, बता दें कि गुरुग्राम सोहना से रिठौज गांव के सरकारी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में बच्चे आवारा पशु निकालने में लग जाते है और गर्मी में पीने के पानी के लिए वॉटर कूलर तो है पर कई महीनों से वाटर कूलर खराब पड़ा है. इस स्कूल का यहां तक बुरा हाल है कि बच्चों के बैठने तक के बैंच कबाड़ा हो चुके है और तो और टॉयलेट की टंकी में इतने छेद है कि पानी रुकता ही नहीं, पर वहां के इंचार्ज राजेश जी का कहना कुछ अलग ही है, पर यहां शिक्षा दूर-दूर तक बच्चों को नसीब नहीं है.

स्कूल के इंचार्ज का कहना है कि स्कूल में न तो चौकीदार है ना ही स्लीपर तो हम चौकीदार बनकर काम करे या बच्चों को पढ़ाए, गांव के सरपंच और अधिकारी को कई बार बताया पर इस मामले में कोई सुध नहीं लेता, बाहर के शरारती तत्व आते है और चोरी तोड़-फोड़ करके चले जाते है. वहीं बच्चों ने बताया कि पीने की पानी की टंकी काफी दिनों से खराब है, हेड पम्प तो कई सालों से चलता ही नहीं और हम खुद काम करते है.

आपको बता दें कि रिठौज गांव में सभी पार्टियों के नेता रहते है पर सिर्फ नेता अपने वोट के लिए राजनीति करते है ना कि बच्चों के भविष्य के लिए कार्य करते है. विधायक जी ने तो रिठोज गांव में डिग्री कॉलेज की नींव रखवा दी और कार्य शुरु करवा दिया पर उन छोटे बच्चों का क्या भविष्य होगा जिनको शिक्षा मिलती ही नहीं ना कोई सुविधा है. बच्चों का पूरा दिन चौकीदारी और टीचरों को पानी पिलाने में लग जाता है.वहीं जब मीडिया के सामने बात आती है तो सभी नेता और अधिकारी सफाई पर सफाई देते है, पर काम कोई नहीं करता. अब देखना यह होगा कि कब तक रिठौज गांव के बच्चे अच्छी शिक्षा ग्रहण कर पाएगें और कब तक स्वच्छ वॉटर कूलर का पानी पी पिएगें.