ख़बरें अभी तक। हिसार की गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में सुपरीटेंडेंट इंजीनियर के पद पर कार्यरत डॉक्टर अशोक अहलावत ने गुरुवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना का पता उस वक्त चला जब जीजेयू में ही रह रहे डॉक्टर अहलावत के घर खाना बनाने आए कुक को दरवाजा बंद मिला। करीब आधे घंटा इंतजार करने के बाद जब कुक ने जोर लगाकर दरवाजा खोला तो सामने अशोक अहलावत फंदे पर झूल रहे थे।
जैसे ही इसकी सूचना आस-पास के लोगों को मिली तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच शव को अपने कब्जे में लिया और डॉक्टर अहलावत को सिविल अस्पताल ले जाया गया। सिविल अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। हादसे के दौरान डॉक्टर अहलावत के अलावा कोई घर का सदस्य मौजूद नहीं था। उनकी पत्नी भी किसी काम से बाहर गई हुई थी, सूचना मिलने पर वो करीब तीन बजे घर लौटी।
वहीं उनके बच्चे भी घर पर नहीं थे। डॉक्टर अहलावत की मौत की सूचना मिलते ही पूरी जीजेयू में मातम छा गया। डॉक्टर अहलावत न केवल कंस्ट्रक्शन विभाग का काम देखते थे, बल्कि जीजेयू की अन्य कई तरह की गतिविधियों में शामिल रहते थे। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम देर शाम को करवा दिया है। पुलिस के अनुसार मृतक अशोक अहलावत के पिताजी एक भयंकर बीमारी से पीड़ित है जिसके चलते अशोक अहलावत मानसिक तौर से परेशान थे। इसी परेशानी के चलते उन्होंने फांसी लगा ली।
जांच अधिकारी दीपेंदर सिंह ने बताया की अशोक अहलावत गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय में सुपरीटेंडेंट इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे। हमें सूचना मिली की सुपरीटेंडेंट इंजीनियर के पद पर तैनात अशोक अहलावत ने जीजेयू में स्थित फ्लैट में फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली है। वे इसकी सुचना पाकर मौके पर पहुंचे और शव की छानबीन करने के बाद शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हिसार के सामन्य हस्पताल में पहुंचाया।
जांच अधिकारी ने बताया की मृतक की पत्नि वनिता के बयान पर दर्ज कर लिए है। बयान में मृतक की पत्नी का कहना था की मृतक अशोक अहलावत के पिताजी एक भयंकर बीमारी से पीड़ित है जिसके चलते अशोक अहलावत मानसिक तौर से परेशान थे। इसी परेशानी के चलते उन्होंने फांसी लगा ली। पुलिस ने धारा-174 के तहत कार्रवाई कर शव का पोस्टमार्टम हिसार के सामान्य अस्पताल में करवा दिया है।