गृह मंत्रालय ने नक्‍सल से प्रभावित राज्यों में विकास परियोजनाओं में तेजी लाने के दिए आदेश

खबरें अभी तक। पर्यावरण मंत्रालय के दिशानिर्देशों में ढील के बाद गृह मंत्रालय ने गुरुवार को 10 नक्‍सल प्रभावित राज्‍यों को लेफ्टविंग चरमपंथ (एलडब्‍ल्‍यूइ) प्रभावित क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं में तेजी लाने का आदेश दिया है।

केंद्रीय गृहसचिव राजीव गौबा 10 माओवाद प्रभावित राज्‍यों के चीफ सेक्रेटरी को लिखे गए अपने पत्र में कहा कि सड़कों, पुलों, टेलीफोन टावरों की स्थापना सहित सभी विकास परियोजनाओं को तेजी से बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने नियमों में ढील दी है।

हाल ही में गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्‍यक्षता में अंतर-मंत्रालयी बैठक संपन्‍न हुई। गृहमंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि इस बैठक से विकास कार्यों को पूरा करने के लिए एलडब्ल्यूई प्रभावित इलाकों में 40 हेक्टेयर वन भूमि तक पर्यावरण मंजूरी देने के लिए राज्य सरकारों को अधिकार मिला। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और वन मंत्रालय द्वारा प्रासंगिक दिशानिर्देश जारी किए गए, एक अन्य अधिकारी ने कहा

दस नक्‍सल प्रभावित राज्‍यों में छत्‍तीसगढ़, झारखंड, ओडिसा, बिहार, पश्‍चिम बंगाल, महाराष्‍ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्‍तर प्रदेश और मध्‍यप्रदेश शामिल हैं। नक्‍सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं में पब्‍लिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर जैसे सड़क निर्माण, पुल, मोबाइल टावर, स्‍कूल बिल्‍डिंग, आंगनवाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र, पेयजल सप्‍लाइ, ग्रामीण सड़कें, सार्वजनिक जगहों पर इलेक्‍ट्रिक लाइट आदि शामिल हैं। केंद्र सरकार माओवादी खतरे से निपटने के लिए पुलिस और विकास पहल की दोहरी नीति अपना रही है।

इंटीग्रेटेड एक्‍शन प्‍लान के तहत 35 एलडब्‍ल्‍यूइ प्रभावित जिलों को केंद्र सरकार हर साल 1,000 करोड़ रुपये मुहैया कराती है। जिला कलेक्‍टर की अध्‍यक्षता वाले आयोग द्वारा इस फंड का उपयोग किया जाता है। इस आयोग में सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस और फॉरेस्‍ट ऑफिसर भी हैं। जिले में जरूरत के अनुसार विकास योजनाओं पर फंड के खर्च के फैसले का अधिकार जिला स्‍तरीय आयोग के पास होता है।