खबरें अभी तक। इन दिनों क्रिकेट की दुनिया में एक मामला बेहद चर्चित हो रहा है और वह मामला है बॉलटेंपरिंग का. यानि की बॉल के साथ छेड़छाड़ करने जैसी प्रक्रिया जिससे बॉल ज्यादा स्विंग होती है. इस मामले ने ऑस्ट्रेलिया के दो दिग्गज खिलाड़ियों को एक साल तक का प्रतिबंधित लगा दिया. लेकिन क्या आपको पता है कि बॉलटेंपरिंग का मामला कब से शुरू हुआ और इसमें सबसे पहला कौन सा खिलाड़ी फंसा था? दरअसल इस केस में सबसे पहले पाक टीम के खिलाड़ी वकार युनूस का नाम आया था.
मजेदार बात यह है कि भारत के सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ सबसे पहले बॉल टेंपरिंग के मामले में फंसे थे. जब 2001 में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज चल रही थी तब सचिन पर गेंद से छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था. इस आरोप के चलते उनके एक मैच में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि यह प्रतिबंध बाद में हटा लिया गया था. राहुल द्रविड़ पर 2004 जिंबाब्बे दौरे के दौरान एक तरह की टॉफी से गेंद को चमकाने का आरोप लगा था. इसके कारण उन्हें जुर्माना भरना पड़ा था.
बॉल को चमकाने के लिए ये चीजें है मान्य-
आइसीसी ने क्रिकेट को जेंटलमैन गेम बनाए रखने के लिए कुछ कानून बनाए हैं। इसमें गेंद और बल्ले से जुड़े सख्त कानून भी हैं। इस कानून के मुताबिक कोई भी खिलाड़ी गेंद के आकार और उसकी बनावट के साथ छेड़छाड़ नहीं कर सकता. इसके तहत खिलाड़ी बॉल को अपने पसीने या फिर लार की मदद से साफ कर के चमका सकता है ताकि बॉल में स्विंग मिलती रहे.