नेपाल के जरिए चीन करना चाहता है भारतीय सीमा पर निगरानी

खबरें अभी तक। भारत और नेपाल के रिश्ते हमेशा से बेहतर रहें है लेकिन इन रिश्तो के बीच में चीन आ चुका है जो हर दिन भारत से नेपाल को नुक्सान होने जैसी बातों से नेपाल से नजदीकियां बड़ा रहा है. जिसके चलते नेपाल भी भारत को लेकर अपना नजरिया बदलता दिखाई पड़ रहा है नेपाल ने अपनी और भारतीय सीमा पर ड्रोन के जरिए निगरानी करने का फैसला लिया है दावा है की यह नेपाल और चीन की बढ़ती नजदीकियों का ही असर है जो आज नेपाल ऐसा बर्ताव भारत के साथ कर रहा है. यह मंत्री राम बहादुर थापा ने सोमवार को यह घोषणा की.

नेपाल गृह मंत्रालय की 82 सूत्रीय सुधार योजना का अनावरण करते हुए बताया, “हमें ड्रोन की उपयोगिता पर वर्तमान दिशा-निर्देशों को बदलने की जरूरत है और अब भारत-नेपाल सीमा पर निगरानी के लिए ड्रोन का उपयोग जरूरी हो गया है.”

उन्होंने कहा, “भारत ने हर किलोमीटर सैन्य चौकी स्थापित की है लेकिन हमने मुश्किल से 25 किलोमीटर में एक चौकी बनाई है. सीमा पर मिलने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए हम ड्रोन का उपयोग करेंगे.” भारत और नेपाल के बीच लगभग 18,000 किलोमीटर की खुली सीमा है जिसे बिना किसी अनुमति के पार किया जा सकता है.

दोनों देशों की सीमा पर रह रहे लोगों को इसे पार करने के लिए जहां किसी पहचान पत्र की जरूरत नहीं है तो पर्यटकों को इसे पार करने के लिए वैध पहचान पत्र दिखाना पड़ता है. चीन से लगने वाली सीमा बहुत बड़ी होने के बावजूद थापा ने अपने भाषण में सिर्फ भारत का नाम लिया.

सीमा पर निगरानी को कड़ा करने पर जोर देते हुए थापा ने कहा कि नई आव्रजन नीति लाई जाएगी और विदेशियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी. थापा ने भारत और चीन सीमा पर 10 और चौकियां स्थापित करने का घोषणा की लेकिन उन्होंने कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी. नेपाल मानव तस्करी और मादक पदार्थो की तस्करी जैसे सीमा पर होने वाले कई अपराधों से परेशान है. वहीं भारत को भी नेपाल सीमा पर यही समस्या है.