पॉलिथीन में आंत लेकर घूमने वाले जवान की हुई एम्स में सफल सर्जरी

 नक्सली हमले में घायल होने के बाद चार साल तक समुचित इलाज के अभाव में आंत का एक हिस्सा पेट के बाहर लेकर भटकने को विवश रहे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान मनोज तोमर को आखिरकार असहनीय पीड़ा से राहत मिल गई।

शुक्रवार को एम्स ट्रॉमा सेंटर में चिकित्सकों ने सर्जरी कर उनकी बाहर निकली आंत को वापस शरीर में यथास्थान लगा दिया। एम्स ट्रॉमा सेंटर के अनुसार उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। एम्स के चिकित्सकों ने मनोज की सर्जरी को आसान प्रक्रिया बताया है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी सर्जरी जटिल नहीं थी फिर भी हैरानी की बात है कि वह पिछले चार साल से आंत का यह हिस्सा पॉलीथिन में लेकर घूमने को मजबूर थे।

हालांकि अब इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉक्टरों को उम्मीद है कि वह सामान्य जीवन व्यतीत कर सकेंगे। ‘नईदुनिया” ने ‘पॉलीथिन में आंत रख भटक रहा सात गोलियां झेलने वाला जवान” खबर प्रकाशित कर मनोज तोमर की व्यथा को देश के सामने रखा था। इसके बाद मप्र सरकार ने 10 लाख की सहायता राशि की घोषणा की और सीआरपीएफ ने समुचित इलाज की प्रतिबद्धता जताई।

 सीआरपीएफ अधिकारियों की देखरेख में उन्हें इलाज के लिए मप्र से एसी एंबुलेंस में दिल्ली के एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था। मप्र सरकार के अधिकारी व डॉक्टर भी साथ पहुंचे थे। गुरुवार को मनोज की सर्जरी की जानी थी लेकिन कुछ कारण से सर्जरी टाल दी गई थी। इसके बाद शुक्रवार को करीब ढाई घंटे उनकी सर्जरी चली।